बीते माह हुई अतिवृष्टि से हुए नुकसान के निशान अभी भी मौजूद हैं। अमलावा नदी के उफान पर आने से साहिया छानी में एक मकान जमींदोज हो गया था, जबकि कई मकान भू स्खलन की जद में आ गए थे। अभी तक सुरक्षा कार्य नहीं कराए जाने के कारण ग्रामीण भूस्खलन की जद में आए मकानों में खतरे के साए में रहने को मजबूर हैं।
अतिवृष्टि के कारण नौ आवासीय मकान भू स्खलन की जद में आ गए थे। इन मकानों के निचले हिस्से में सुरक्षा दीवारें पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी हैं। ऐसे में मकानों पर खतरा मंडरा रहा है। प्रभावित ग्रामीण भोलाराम, दौलत, बलजीत, भोगलू, रमेश ने बताया कि समय रहते सुरक्षा के इंतजाम नहीं किए गए तो मकान कभी भी ध्वस्त हो सकते हैं।
बताया कि अब सर्दियों की बारिश शुरू हो जाएगी, ऐसे में भूस्खलन होने का खतरा एक बार फिर बढ़ जाएगा। मकानों में रहते हुए जानमाल का खतरा हर समय बना रहता है। प्रभावित ग्रामीणों ने प्रशासन से जल्द सुरक्षा उपाय करने की मांग की है। उधर, एसडीएम सौरभ असवाल ने बताया कि दैवीय आपदा के तहत सुरक्षा कार्य करने के लिए प्रस्ताव जिला मुख्यालय को भेजा गया है।