बिहार के समस्तीपुर जिला के सिंघिया थाना क्षेत्र के सालेपुर व जहांगीरपुर गांव में दो जालसाजों ने ब्याजमुक्त ऋण देने का झांसा देकर महिलाओं के खाते से दस लाख रुपये उड़ा दिए। मोबाइल पर खाता से रुपये की निकासी की जानकारी मिलने के बाद महिलाओं को ठगी की जानकारी मिली। उसके बाद सभी महिलाएं मंगलवार सुबह सिंघिया थाना पहुंची और ठगी की शिकायत की। पुलिस ने मामले की पुष्टि करते हुए छानबीन शुरू की है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सोमवार दोपहर एक बाइक पर सवार दो युवक लैपटॉप के साथ सालेपुर गांव में पहुंचे। उस समय घर मे सिर्फ महिलाएं ही मौजूद थी। सभी घर के पुरुष सदस्य कमाने के लिए घर से निकले हुए थे। दोनों युवकों ने खुद को एक फाइनेंस कंपनी का कर्मचारी बताने के साथ सिंघिया प्रखंड के ही बेहट गांव में अपना ऑफिस होने की जानकारी दी। उसके बाद महिलाओं को यह कह कर अपने झांसे में ले लिया कि कंपनी की ओर से 50 हजार रुपये का लोन ब्याजमुक्त दिया जाएगा। इसके लिए महिलाओं को सिर्फ आधारकार्ड और बैंक के पासबुक का फोटो कॉपी देना होगा। उसमें साल में कर्ज का ईएमआई भी मात्र साल में 1100 रुपये बताया। जिससे महिलाएं उसके झांसे में आ फॉर्म भरने के लिए आधारकार्ड और बैंक के पासबुक का फोटो कॉपी देने के साथ अंगूठा लगाने वाली मशीन पर अंगूठा लगाना शुरू कर दिया। करीब 65 महिलाओं से कागजात और अंगूठा लगवाने के बाद बाइक सवार दोनो युवक चले गए। ग्रामीणों ने बताया कि शाम के बाद सभी महिलाओं के मोबाइल पर खाते से राशि की निकासी का मैसेज मिलना शुरू हुआ तो सभी ने इसके बारे में एक दूसरे से पूछताछ शुरू की।
गांव की सभी महिलाएं एकजुट हो मंगलवार सुबह सिंघिया थाना पहुंची। थाना अध्यक्ष को मामले से अवगत करा दोनों जालसाजों को पकड़ने और समुचित कार्रवाई करने की गुहार लगाई। महिलाओं ने पुलिस को बताया कि उनके खाते में जो भी पैसे थे सभी निकाल लिए गए हैं। उन्हें जीरो बैलेंस का बैंक ने मैसेज भेजा है। किसी के खाता से तीन हजार तो किसी के खाता से पांच हजार रुपये निकाले गए हैं। कुछ महिलाओं के खाते में ही तीस से चालीस हजार रुपये थे जो परदेस में रहने वाले उनके पति व बेटे ने पर्व को लेकर भेजा था। अब उनका खाता खाली हो गया है।
पुलिस ने बताया इसी तरह की घटना सोमवार को प्रखंड के जहांगीरपुर गांव में भी हुई। थाना अध्यक्ष कृष्णकांत मंडल ने बताया कि पीड़ित महिलाओं ने शिकायत की है। युवकों ने महिलाओं को बेहट में अपना कार्यालय बताया था। छानबीन में वहां किसी फाइनेंस कंपनी का कार्यालय नहीं मिला है।