दिल्ली के द्वारका इलाके में खुले नालों को लेकर स्थानीय लोगों में आक्रोश है। स्थानीय लोग दिल्ली विकास प्राधिकरण की अनदेखी को लेकर नाराज हैं और उनका कहना है कि खुले नालों की वजह से उनकी जिंदगी खतरे में पड़ गई है। इलाके के लोगों का कहना है कि खुले नालों की वजह से इन नालों में लोगों के गिरने की घटनाएं लगातार हो रही हैं लेकिन डीडीए इस बड़ी समस्या की अनदेखी कर रहा है। इलाके के लोगों का कहना है कि इसी ममहीने 56 साल की बुजुर्ग सुधा देवी दशहरे का मेला देखकर द्वारका सेक्टर 13 की तरफ आ रही थीं, लेकिन तब ही शाम करीब 7 बजे वो इस खुले नाले में गिर गईं।
पुलिसिया जांच में पता चला था कि जब महिला सड़क पर चल रही थीं तब उनकी नजर इस खुले नाले पर नहीं पड़ी और वो इसमें जा गिरी। राहगीरों ने किसी तरह बड़ी मुश्किल से महिला को नाले से निकाला और फिर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया। अस्पताल पहुंचने के बाद महिला को मृत घोषित कर दिया गया था। हालांकि खुले नाले में गिरकर एक महिला की मौत के बाद भी डीडीए ने इस दिशा में अहम कदम नहीं उठाया। इसके बाद द्वारका रेसिडेन्शियल फेडरेशन ने दिल्ली विकास प्राधिकरण के चीफ इंजीनियर के खिलाफ केस दर्ज कराया है।
हमने कई बार डीडीए अधिकारियों से गुहार लगाई है कि वो इस मामले में अहम कदम उठाए ताकि लोगों को परेशानी का सामना ना करना पड़े। इलाके के लोगों का कहना है कि हादसे के बाद अथॉरिटी कोई जिम्मेदारी नहीं लेती है। लोगों का कहना है कि इस नाले में गिरकर घायल होने वाले लोग या नाले में गिरकर महिला की मौत के मामले में डीडीए ने कोई जिम्मेदारी नहीं ली थी। इसी साल जुलाई के महीने में द्वारका के सेक्टर 6 में स्थित आस्था अपार्टमेंट जगमोहन वर्मा भी इस नाले में गिर गये थे। रात के वक्त यह हादसा हुआ था।