मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) के चुनावी नतीजे बताते हैं कि शरद पवार एक बार फिर से बड़ा गेम खेल गए। दरअसल पूर्व भारतीय बल्लेबाज संदीप पाटिल गुरूवार को मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) के अध्यक्ष पद के चुनाव में अमोल काले से हार गए। अमोल काले को भाजपा सांसद और बीसीसीआई के नए कोषाध्यक्ष आशीष शेलार का समर्थन प्राप्त था। उन्होंने पाटिल को 25 मत से हराया। काले को 183 जबकि पाटिल को 158 मत मिले। काले एमसीए के उपाध्यक्ष रह चुके हैं। इस चुनाव के नतीजे बेहद दिलचस्प हैं। एमसीए के चुनावों में शरद पवार टच देखने को मिला। उन्होंने विरोधी ‘भाजपा’ उम्मीदवार का समर्थन किया।
कहते हैं कि राजनीति में न कोई पक्का यार और न ही कोई पक्का दुश्मन होता है। शरद पवार की राजनीति इसका सबसे सटीक उदाहरण है। मुंबई क्रिकेट संघ के अध्यक्ष पद के चुनाव में अमोल काले की जीत का श्रेय राकांपा अध्यक्ष शरद पवार को दिया जा रहा है। मजे की बात यह है कि काले भाजपा के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के करीबी सहयोगी हैं। एमसीए के मामलों में तुरुप का इक्का अपने पास रखने वाले शरद पवार ने देवेंद्र फडणवीस से लड़ने के बजाय, उनके साथ हाथ मिलाया और न केवल सही ढंग से चुनाव कराया बल्कि उनके उम्मीदवार की जीत भी सुनिश्चित की।
घटनाक्रम के जानकार इस पूरे मामले से आश्चर्यचकित हैं। लोगों के जहन में सवाल है कि क्या पवार, शिंदे और भाजपा उद्धव और उनके शिवसेना गुट को अलग-थलग करने के लिए गठबंधन कर रहे हैं? या यह केवल क्रिकेट चुनाव तक ही सीमित था? चुनाव से महज 12 घंटे पहले गरवारे डिनर क्लब में, पवार ने सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के साथ मंच साझा किया था। यह डिनर एनडीए और एमवीए के बीच अत्यधिक तनावपूर्ण संबंधों के बीच हुआ। एमवीए-साझेदार एनसीपी ने उद्धव सेना और कांग्रेस को अटूट समर्थन देने का वादा किया है, जबकि शिंदे भाजपा के साथ गठबंधन में अपने शिवसेना गुट का नेतृत्व कर रहे हैं।
कट्टर प्रतिद्वंद्वियों पर जीत हासिल करने की अपनी आदत का प्रदर्शन करते हुए, पवार ने हल्के-फुल्के अंदाज में शिंदे और फडणवीस से कहा, “मैं अनुभवी क्रिकेटर सादु शिंदे का दामाद हूं। भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले लेग स्पिनर मेरी पत्नी प्रतिभा के पिता हैं।” जवाब में, फडणवीस ने चुटकी लेते हुए कहा, “सीएम (शिंदे) को इस पर ध्यान देना चाहिए।” हालांकि उन्होंने क्रिकेट प्रशासन में उनके दृष्टिकोण के लिए पवार की प्रशंसा की।
महाराष्ट्र में किसी सांस्कृतिक और राजनीतिक कार्यक्रम का जश्न मनाने के लिए कट्टर प्रतिद्वंद्वियों का एक मंच साझा करना कोई नई बात नहीं है। अतीत में, व्यक्तियों ने एमसीए चुनावों के वास्ते एकजुट होने के लिए पार्टी टैग को अलग रखा है। परिणामों पर पवार की छाया लगातार बनी हुई है। एमसीए में सदस्य के रूप में चुने जाने के तुरंत बाद, उद्धव ठाकरे के करीबी नीलिंद नार्वेकर ने कहा, “जब रणनीति की बात आती है, तो इसका श्रेय पवार को जाता है।” फिर भी, पवार ने जिस सहजता से फडणवीस के उम्मीदवार काले को जिताया, उसने कई लोगों को हैरान कर दिया। राज्य के एक वरिष्ठ राकांपा नेता ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए कहा, “‘पवार प्ले’ की व्याख्या करना बहुत मुश्किल है।”
शरद पवार के साथ मंच साझा करने पर कुछ लोगों की रातों की नींद उड़ सकती है : शिंदे
वहीं इससे पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा था कि पवार के उनके और भाजपा नेताओं के साथ मंच साझा करने से कुछ लोगों की रातों की नींद उड़ सकती है। हालांकि, उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन इसे पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की ओर इंगित टिप्पणी माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री शिंदे ने इस मौके पर कहा, ‘‘पवार, फडणवीस और शेलार एक ही मंच पर… इससे कुछ लोगों की रातों की नींद उड़ सकती है। लेकिन यह राजनीति करने की जगह नहीं है। हम सभी खेल के प्रशंसक और समर्थक हैं। इसलिए हम अपने राजनीतिक मतभेदों के बावजूद खेल के विकास के लिए साथ आए हैं।’’