पेपर लीक मामले में शुक्रवार को न्याय विभाग के सहायक निजी सचिव समेत पांच आरोपियों को जमानत मिल गई। बचाव पक्ष ने दलील दी कि उनसे कोई बरामदगी नहीं हुई है और उनके खिलाफ केवल मौखिक साक्ष्य ही हैं। इस बात को आधार मानते हुए न्यायालय ने इन पांचों को एक-एक लाख रुपये के व्यक्तिगत जमानत बांड और एक-एक लाख रुपये के दो-दो जमानती प्रस्तुत करने की शर्त पर जमानत मंजूर कर दी है।
दिवाली की छुट्टियां होने के कारण इनकी रिहाई में समय लग सकता है। अपर सत्र न्यायालय चतुर्थ आशुतोष मिश्रा की अदालत में सचिवालय न्याय विभाग के निलंबित सहायक निजी सचिव सूर्य प्रताप के साथ-साथ गौरव नेगी, मनोज जोशी, गौरव चौहान, और बलवंत सिंह रौतेला ने दो-दो जमानत प्रार्थनापत्र दाखिल किए गए थे। इनमें एक जमानत प्रार्थनापत्र पूर्व की धाराओं में था। जबकि, नई धारा आपराधिक षड्यंत्र में लगाया गया था।
बचाव पक्ष ने दलील थी कि इन आरोपियों से एसटीएफ ने कोई बरामदगी नहीं की है। साथ ही इन पर जो आरोप हैं उनके सापेक्ष केवल मौखिक साक्ष्य ही एसटीएफ के पास मौजूद हैं। बचाव पक्ष ने कोर्ट को बताया कि इन सभी का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। इन सब दलीलों और अभियोजन का पक्ष सुनने के बाद न्यायालय ने पांचों की जमानत मंजूर कर दी।
न्यायालय ने सशर्त जमानत मंजूर की है। इनमें से कोई भी आरोपी देश छोड़कर नहीं जाएगा, जांच, विवेचना, विचारण में समय पर उपस्थित होना होगा। आरोपी किसी प्रकार के अपराध में शामिल नहीं होंगे। बता दें कि इस मामले में 41 में से कुल नौ आरोपियों को जमानत मिल चुकी है।
सात लोगों की जमानत पर बाद में होगी सुनवाई
इन पांचों के अलावा सात अन्य आरोपियों ने जमानत के लिए अर्जी दी थी। न्यायालय ने इन पर सुनवाई नहीं की। सातों के जमानत प्रार्थनापत्र पर दिवाली के बाद 28 अक्तूबर को सुनवाई की जाएगी।