इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के बाद अब बनारस के बीएचयू में भी फीस वृद्धि के खिलाफ चल रहा आंदोलन तेज हो गया है। एक तरफ एबीवीपी के छात्र धरना प्रदर्शन कर रहे हैं तो दूसरी तरफ संयुक्त संघर्ष समिति के छात्र सड़क पर उतरे हैं। गुरुवार को संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर केंद्रीय कार्यालय का छात्रों ने घेराव किया। इस दौरान मौजूद फोर्स से छात्रों की तीखी नोकझोंक और धक्कामुक्की भी हुई।
छात्रों का कहना है कि बीएचयू में सभी पाठ्यक्रमों की फीस सौ से पांच सौ फीसदी तक बढ़ा दी गई है। एमए की फीस पहले 2300 सालाना लगती थी, उसे बढ़ा कर 4800 कर दिया गया है। एमएससी एग्रीकल्चर की फीस 3500 रुपये प्रति वर्ष से बढ़ाकर 18500 कर दी गई है। हॉस्टल फीस जो पहले 3200 प्रति वर्ष थी, उसे 9500 कर दिया गया।
कुलपति आवास के बाहर 6 दिनों से धरना दे रहे छात्र युवा संघर्ष समिति के सदस्यों ने गुरुवार को घेराव का आह्वान किया था। छात्रों ने फीस वृद्धि वापसी का आंदोलन तेज करने के लिए संयुक्त छात्र संघर्ष समिति का गठन किया है। इसमें बहुजन छात्र इकाई, आईसा, सीवाईएसएस, दिशा, एससीएस संगठन शामिल हैं। गुरुवार दोपहर 12 बजे छात्रों का हुजूम केंद्रीय कार्यालय की तरफ बढ़ने लगा तो पहले से तैनात सुरक्षाकर्मियों और पुलिस फोर्स ने केंद्रीय कार्यालय पर बैरियर लगाकर छात्रों को रोकने का प्रयास किया।
छात्रों के हुजूम ने इस बैरियर को पार करने की कोशिश की। इस पर फोर्स के साथ उनकी तीखी तकरार हुई। इसके बाद छात्र वहीं धरने पर बैठ गए। छात्रों ने जोरदार नारेबाजी की और बीएचयू प्रशासन पर मनमानी का आरोप लगाया।
इससे पहले एनएसयूआई की ओर से बीएचयू के विश्वनाथ मंदिर के पास हस्ताक्षर अभियान को छात्र-छात्राओं ने खुल कर समर्थन दिया था। इस दौरान छात्रों ने सभा कर वृद्धि वापस लो के नारे लगातार गूंजते रहे। छात्र चंदन मेहता ने कहा कि बीएचयू में भी शिक्षा के बाजारीकरण की कोशिश शुरू हो गई है।