पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के भाई और पीएमएल-एन (पाकिस्तान मुस्लिम लीग एन) के सुप्रीमो नवाज शरीफ को डर है कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सत्तारूढ़ गठबंधन की तुलना में अधिक लोकप्रिय है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इसलिए सरकार चुनावों में देरी करने का प्रयास कर रही थी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के वर्तमान राजनीतिक और आर्थिक संकट का एकमात्र समाधान तत्काल और पारदर्शी चुनाव है।
स्थानीय मीडिया नेटवर्क एआरवाई न्यूज से बात करते हुए इमरान खान ने पाकिस्तान के मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सिकंदर राजा सुल्तान पर शरीफ सरकार के समर्थन में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में छेड़छाड़ करने का भी आरोप लगाया। चुनावी आयोग पर पक्षपाती होने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, “हमने देश में पारदर्शी चुनाव कराने के लिए ईवीएम की शुरुआत की थी, लेकिन सीईसी सिकंदर राजा ने पीएमएल-एन के समर्थन से इसे खराब कर दिया।”
पीटीआई अध्यक्ष ने यह भी दावा किया कि उनकी पार्टी के पास सभी सबूत थे कि शरीफ की सहयोगी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी खुले तौर पर धांधली में शामिल थी। उन्होंने स्थानीय मीडिया से कहा, “सिंध चुनाव आयुक्त प्रांतीय सरकार के पेरोल पर हैं और हम पहले ही उनके खिलाफ न्यायिक परिषद से संपर्क कर चुके हैं।” उन्होंने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश में आज तक पारदर्शी चुनाव नहीं हुए हैं।”
अप्रैल में अविश्वास प्रस्ताव के बाद सत्ता से बाहर हुए इमरान खान को एक दिन पहले रविवार को हुए उपचुनाव में नेशनल असेंबली की छह सीटों पर जीत हासिल हुई थी। उनकी पार्टी कथित तौर पर महत्वपूर्ण उपचुनाव में आठ नेशनल असेंबली सीटों में से छह को सुरक्षित करने में सफल रही।