बलजीतनगर में चार दिन पहले दो गुट भिड़ गए। पिटाई से घायल एक युवक की शनिवार को मौत हो गई। रविवार को परिजनों ने शव रखकर जाम लगाया। दोनों गुटों के अलग समुदाय के होने से इलाके में तनाव है। नीतेश अपनी मां और छोटे भाई के साथ शादीपुर में रहता था। 12 अक्तूबर की रात वह दोस्तों आलोक और मोंटी के साथ बाइक पर घर के पास घूम रहा था। तभी बाइक पर तेज हॉर्न बजाते गुजर रहे युवकों से उनका विवाद हो गया।
नीतेश ने उन्हें थप्पड़ मार दिया। दूसरा पक्ष साथियों को बुला लाया। उन्होंने नीतेश और आलोक को गली में पीटा। घायलों को सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया, जहां शनिवार को नीतेश की मौत हो गई। डीसीपी श्वेता चौहान ने बताया कि तीन आरोपियों की पहचान के बाद केस दर्ज कर छापेमारी की जा रही है। दोनों गुटों का अलग समुदाय से होना संयोग है। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एलजी को पत्र लिखकर इस घटना का जिक्र करते हुए कानून व्यवस्था पर सवाल उठाया है।
आक्रोशित लोगों ने शव रखकर विरोध जताया
अपशब्द कहने पर मारे गए नीतेश का शव रविवार को जब शादीपुर पुर पहुंचा तो लोग आक्रोशित हो गए। उन्होंने शव को सड़क पर रखकर जमा लगा दिया। इस वजह से पटेल नगर, जखीरा, आनंद पर्वत, राजेंद्र नगर, प्रसाद नगर और इंद्रपुरी समेत पश्चिम दिल्ली तक सड़क जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई। सड़क पर जाम की सूचना मिलने पर भारी संख्या में पुलिस बल भी तैनात कर दिया गया।
इस दौरान ऑल इंडिया एंटी टेररिस्ट फ्रंट के अध्यक्ष मनिंदरजीत सिंह बिट्टा समेत सामाजिक एवं धार्मिक संगठन से जुड़े लोग पहुंचे। इन्होंने मृतक के परिजनों से मुलाकात की और हमलावरों को तुरंत सजा देने की मांग की। करीब तीन-चार घंटे बाद किसी तरह से पुलिस प्रशासन के समझाने पर लोग अंतिम संस्कार के लिए राजी हुए। डीसीपी श्वेता चौहान ने बताया कि 12 अक्तूबर की रात को बलजीत नगर थाने को घटना की सूचना मिली थी।
चूंकि आलोक ने कोई बयान नहीं दिया था इसलिए डीडी इंट्री पर गैर इरादतन हत्या की कोशिश की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया गया था। अब जब मौत हो गई है तो पुलिस ने हत्या की धारा जोड़ ली है। साथ ही वारदात में शामिल तीन आरोपियों की पहचान उफिजा, अदनान और अब्बास के तौर पर कर ली गई है। इनकी बाइक को जब्त कर लिया गया है और गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।
फोन कर दस मिनट में आने के लिए कहा
नीतेश की मां बबिता ने बताया कि उनके बेटे ने दस मिनट में आने के लिए कहा था। वह घटना वाली शाम को किसी को रुपये देने के लिए गया था। लेकिन कुछ देर बाद उसका कुछ पता नहीं चला और रात करीब एक बजे किसी ने नीतेश के घायल होने की सूचना दी।
मार्च में शादी की थी तैयारी
बबिता कहती हैं कि तीन सितंबर को परिवार ने नीतेश का जन्मदिन धूमधाम से मनाया था। इसी दिन उन्होंने नीतेश के लिए एक लड़की भी शादी के लिए पसंद कर ली थी। वह कहती हैं कि परिवार की योजना मार्च में शादी करने की थी। लेकिन उनका बेटा अपराधियों की सनक का शिकार हो गया।
बॉडी बिल्डिंग का था शौक
परिजनों ने बताया कि नीतेश अपने स्वास्थ्य को लेकर सचेत रहता था क्योंकि उसे बॉडी बिल्डिंग का शौक था। इसलिए सुबह एवं शाम को जिम जरूर जाता था। अपने व्यक्तित्व की वजह से वह अक्सर लोगों के विवाद में दखल देकर सुलझाने की कोशिश भी करता था।