फरीदाबाद के धीरज नगर में कबाड़ी कारोबारी के 14 वर्षीय बेटे की पांच लाख फिरौती के लिए अपहरण कर हत्या कर दी गई। पुलिस ने इस मामले में डी-फार्मा के छात्र समेत दो आरोपी को गिरफ्तार भी किया है। दोनों कारोबारी के जानकार हैं। पुलिस दोनों को अदालत में पेशकर पूछताछ के लिए दो दिन की रिमांड पर ली है। मामले में एक अन्य आरोपी फरार है।
विरेश ने बताया कि वह मूलरूप से बिहार के नालंदा जिले के गांव नान्न, थाना सिलाव के रहने वाले हैं। धीरज नगर में किराये के मकान में रहते हैं और कबाड़ बेचने-खरीदने का काम करते हैं। अभिषेक उनका जुड़वा बेटा था। 14 अक्टूबर की शाम करीब 7.30 बजे अभिषेक के पास एक फोन आया। फोन करने वाले ने अपना नाम राजा बताया और कहा कि वह उसके स्कूल में सहपाठी हैं। उसे एक किताब की जरूरत है, इसलिए घर के बाहर आकर किताब दे जाए।
विरेश के अनुसार अभिषेक किताब लेकर घर से बाहर गया। एक घंटे तक जब वह वापस नहीं लौटा तो सभी को चिंता हुई। उसकी तलाश शुरू की गई। रात करीब 10 बजे उसके पास बेटे के अपहरण का फोन आया। फोन करने वाले ने पांच लाख रुपये फिरौती देकर बेटे को ले जाने को कहा। साथ ही कहा कि पैसे नहीं देने पर उसके बेटे की हत्या कर दी जाएगी। पीड़ित के अनुसार उसने फोन पर एक साथ इतने पैसे देने से मना कर दिया।
उसने कहा कि उसके पास इतने पैसे नहीं हैं। पीड़ित ने बताया कि उसने इसकी सूचना पुलिस कंट्रोल रूम नंबर-112 पर कॉल करके दी। शिकायत दर्ज करने के बाद पल्ला थाना व क्राइम ब्रांच सेक्टर-30 ने जांच शुरू की। जांच के दौरान 15 अक्टूबर को दो युवकों को हिरासत में लिया गया। पूछताछ में दोनों ने तीसरे साथी के साथ मिलकर अभिषेक की हत्या करने की बात बताई।
इसके बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। दोनों पल्ला के रहने वाले हैं। इनमें से एक आरोपी का नाम भी अभिषेक है। जबकि दूसरे का सोनू है। अभिषेक दिल्ली में एक शिक्षण संस्थान में डी-फार्मा का छात्र है। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने अपने एक अन्य दोस्त मिथलेश के साथ मिलकर फिरौती नहीं मिलने पर छात्र की हत्या कर दी। पुलिस मिथिलेश की तलाश कर रही है।
आरोपी कर रहे थे गुमराह
विरेश ने बताया कि गिरफ्तार दोनों आरोपी अभिषेक व सोनू उसके जानकार हैं। दोनों अपनी गाड़ी से उसकी दुकान से कबाड़ लादकर दिल्ली पहुंचाने का काम करते हैं। उसे व पुलिस को शक न हो, इसलिए अभिषेक व सोनू ने अपहरण के बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराने में मदद की। 14 अक्टूबर को दोनों देर रात तक उसके साथ रहे। विरेश ने बताया कि दोनों आरोपी उसे अपनी गाड़ी में बैठाकर थाने ले गए। दोनों पुलिस और उन्हें लगातार गुमराह कर रहे थे।
बसेमेंट में मिला शव
अभिषेक के पिता विरेश ने बताया कि पैसे देने से मना करने और पुलिस को सूचना देने पर पर अभिषेक की हत्या 15 अक्टूबर तड़के करीब चार बजे की गई। अपहरणकर्ताओं ने उसके हाथ-पांव बांध दिए थे। उसके मुंह पर टेप चिपका दिया गया था। अभिषेक के सिर में ईंट मारकर हत्या की गई। उसे सेक्टर-30 स्थित एक निर्माणाधीन बहुमंजिला भवन में रखा गया था। हत्या करने के बाद उसके शव को उसी भवन में लिफ्ट के लिए बनाए गए बेसमेंट में फेंक दिया गया था। बेसमेंट में बारिश का पानी भरा था।
पत्नी को हुआ था शक
विरेश ने बताया कि उनकी पत्नी को इन दोनों पर शक हो गया था। 14 अक्टूबर की रात उसने बताया कि उन्हें अभिषेक व सोनू पर शक हो रहा है। विरेश ने बताया कि उन्होंने अपनी पत्नी की बात पर ध्यान नहीं दिया और पुलिस को शक के बारे में नहीं बताया।
सख्ती से पूछताछ करने पर हुआ खुलासा
दोनों आरोपी पुलिस के साथ घूम रहे थे। पुलिस की छात्र को ढूंढने में मदद कर रहे थे, लेकिन पुलिस को भी इसका अभास नहीं हुआ कि साथ घूम रहे दोनों युवक ही इस मामले में आरोपी हैं। क्राइम ब्रांच सेक्टर-30 प्रभारी ने बताया कि आरोपियों ने जिस मोबाइल से फोन किया था, वह फोन बंद जा रहा था। कुछ देर के लिए मोबाइल ऑन होने पर उसके नंबर को ट्रेस किया गया। मोबाइल में लगे सिम कार्ड नंबर के आधार पर आरोपी की पहचान शुरू हुई। करीब 11-12 लोगों से पूछताछ की गई। शक पर इन दोनों आरोपियों को भी हिरासत में लिया गया। सख्ती से पूछने पर दोनों ने हत्या करने की बात कबूली।