राजस्थान के अजमेर में मंदिर कमेटी से विवाद के चलते आत्मदाह करने वाले पुजारी की मौत हो गई है। गुरुवार देर रात मौत की पुष्टि होने के बाद से हॉस्पिटल के बाहर पुलिस बल तैनात है। वहीं, परिवार ने पुजारी को न्याय नहीं मिलने तक डेड बॉडी लेने से इनकार कर दिया है। बता दें 12 अक्टूबर को 90 वर्षीय बुजुर्ग पुजारी गोविंदराम शर्मा ने आत्मदाह करने का प्रयास किया था। 40 प्रतिशत झुलसी हुई अवस्था में पुजारी को इलाज के लिए जेएलएन अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान पुजारी की मौत हो गई। अजमेर में ऋषि घाटी स्थित अग्रवाल समाज के जगन्नाथ मंदिर में 60 वर्षों से पूजा-अर्चना का कार्य कर रहा था।
मंदिर से बेदखल करने से वह परेशान थे
मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों की ओर से उन्हें पुजारी के पद और मंदिर से बेदखल करने से वह परेशान थे। आत्मदाह की कोशिश करने से पहले भी पुजारी ने पुलिस के उच्च अधिकारियों से मिलकर मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की थी। पुजारी ने सुसाइड नोट में लिखा- मुझे चेयरमैन परेशान करवा रहा, बहू के ऊपर गंदी नजर रखते हैं। पुजारी की मौत की जानकारी मिलते ही हॉस्पिटल के बाहर बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए। घटनाक्रम को लेकर ब्राह्मण समाज में आक्रोश है। महापंचायत बुलाई है।
पुजारी के पोते ने लगाया आरोप
90 वर्षीय पूर्व पुजारी के पोते भरत शर्मा ने पुलिस को शिकायत दी है कि ट्रस्ट के सदस्य और पुजारी गोविंदराम के बीच कोर्ट में मंदिर से बेदखल किए जाने को लेकर प्रकरण चल रहे हैं। मंगलवार को मेरे दादा गोविंद राम मंदिर में अकेले थे, उन्होंने केरोसिन अपने ऊपर छिड़क कर आग लगा ली। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। किसी भी प्रकार के अप्रिय हालात से निपटने के लिए पुलिस जाब्ता तैनात किया गया है।