द्रौपदी डांडा टू में हिमस्खलन की चपेट में आए पर्वतारोहियों की मौत बर्फ में दबकर दम घुटने से हुई। पर्वतारोहियों के शरीर पर चोटों के निशान नहीं पाए गए। वहीं, हादसे के चौथे दिन सात और पर्वतारोहियों के शव बरामद किए गए। अब तक कुल 26 शव बरामद हो चुके हैं। रेस्क्यू टीमें तीन अन्य पर्वतारोहियों की तलाश में जुटी हुई हैं।
उत्तरकाशी के सीएमओ डॉ.केएस चौहान ने बताया कि शुक्रवार को निम की प्रशिक्षक सविता कंसवाल, नवमी रावत और प्रशिक्षु अल्मोड़ा निवासी अजय बिष्ट तथा शिमला निवासी शिवम कैंथोला का पोस्टमार्टम किया गया। चारों के शरीर पर चोट के कोई निशान नहीं पाए गए। इनकी मौत बर्फ में दबकर दम घुट जाने से हुई है।
उधर, नेहरू पर्वतारोहण संस्थान ने बताया कि शुक्रवार को बर्फ से सात पर्वतारोहियों के शव बरामद किए गए। 29 लापता लोगों में से अब तक 26 के शव बरामद कर लिए गए हैं। चार शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिए जबकि, 22 शव डोकरानी बामक स्थित एडवांस बेस कैंप में हैं। मौसम खराब होने के चलते शव हर्षिल नहीं लाए जा सके। उत्तरकाशी में पोस्टमार्टम के बाद एवरेस्ट विजेता सविता कंसवाल, निम की प्रशिक्षक नवमी रावत समेत चारों पर्वतारोहियों के शवों को गार्ड ऑफ ऑनर देने के बाद परिजनों को सौंप दिया गया।
पर्वतारोहियों के शव देखते ही बिलख उठे
एवलांच हादसे के मृतकों के शव शुक्रवार को जिला अस्पताल में पहुंचने पर जहां हर किसी की आंखें नम थीं, वहीं परिजन अपनों को इस हालत में देखकर बिलख उठे।
जिला अस्पताल में एवरेस्ट विजेता सविता कंसवाल और प्रशिक्षक नवमी रावत के परिजनों समेत गांव के लोग इन दोनों बेटियों के अंतिम दर्शन को पहुंचे थे। एंबुलेंस से जैसे ही शव को पोस्टमार्टम कक्ष के लिए बाहर निकाला गया, परिजन और ग्रामीण फूट फूट कर रोने लगे। वहीं अल्मोड़ा निवासी अजय बिष्ट और शिमला निवासी शिवम कैंथोला के परिजन भी मौके पर थे। उनके परिजनों को ढांढस बंधाने के लिए यहां स्थानीय विधायक सुरेश चौहान और पूर्व विधायक विजयपाल सिंह सजवाण कई जनप्रतिनिधि पहुंचे थे। परिजनों और ग्रामीणों के अलावा पर्वतारोहियों के जानने वालों की अस्पताल में भीड़ लगी रही। शवों के अस्पताल पहुंचने से पहले ही लोगों की भीड़ जुट गई थी।