शिवसेना के दोनों गुटों के बीच लगातार तेज हो रही है। अब एकनाथ शिंदे गुट ने उद्धव ठाकरे समूह को एक और झटका दिया है। पूर्व मंत्री और वर्ली विधानसभा सीट से विधायक आदित्य ठाकरे के क्षेत्र के 100 शिवसेना नेता और कार्यकर्ता एकनाथ शिंदे गुट में शामिल हो गए हैं। एक तरफ शिवसेना की ओर से दशहरा रैली की तैयारी की जा रही है, जिसके लिए हाई कोर्ट से उसने परमिशन हासिल की है। वहीं दूसरी तरफ नेताओं के टूटने से उसे करारा झटका लगा है। इस बीच उद्धव ठाकरे गुट ने एकनाथ शिंदे ग्रुप पर तंज कसते हुए कहा कि उनकी ओर से जो दशहरा रैली की जानी है, वह चोरों की सभा है।
सामना के साप्ताहिक कॉलम रोक-टोक में शिवसेना ने एकनाथ शिंदे गुट की ओर से पार्टी पर दावे को लेकर कहा कि यह भाजपा की साजिश है। शिवसेना ने कहा कि खुद को पार्टी का दावेदार बताने के पीछे एकनाथ शिंदे का दिमाग नहीं है। इसके अलावा शिवसेना ने एकनाथ शिंदे पर हमला बोलते हुए कहा कि यदि आप में हिम्मत है तो अलग पार्टी बनाकर दिखाओ। उद्धव ठाकरे गुट ने कहा कि ईडी के डर से एकनाथ शिंदे ने शिवसेना को छोड़कर भाजपा के पास जाने का फैसला लिया।
बता दें कि बीएमसी की ओर से शिवसेना को शिवाजी पार्क में रैली की इजाजत नहीं मिल रही थी। इस पर शिवसेना ने हाई कोर्ट में अर्जी डाली थी और एकनाथ शिंदे ने भी अदालत का रुख किया था। यहां कोर्ट ने उद्धव ठाकरे गुट के पक्ष में फैसला दिया और बीएमसी को आदेश दिया कि नियमों के मुताबिक उन्हें रैली करने की इजाजत दी जाए। रविवार को शिवसेना के 100 कार्यकर्ताओं के अलावा एकनाथ शिंदे गुट ने शरद पवार की पार्टी एनसीपी और राज ठाकरे की एमएनएस के लोगों को तोड़ने का भी दावा किया है। शिंदे गुट के नेताओं ने कहा कि तीनों दलों को मिलाकर कुल 1,000 नेताओं ने उनके साथ आने का फैसला लिया है।