डॉलर के मुकाबले देश का रुपया लगातार कमजोर पड़ता जा रहा है। इस मामले पर उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने भारतीय रुपए में लगातार गिरावट को चुभने वाला संवेदनशील मुद्दा बताया है। इसके साथ ही उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को संभालने में उद्योगपतियों की भूमिका पर सवाल भी उठाया है।
शनिवार को एक के बाद एक ट्वीट कर मायावती ने कहा कि सरकारी कृपादृष्टि के कारण भारत के उद्योगपतियों की निजी पूंजी में अभूतपूर्व वृद्धि होने से अब विश्व के धन्नासेठों में उनकी गिनती हो रही है लेकिन देश में करीब 130 करोड़ गरीब और निम्न आय परिवारों के जीवन में थोड़ा भी सुधार नहीं होना अति-चिन्ता की बात है।
सरकार इस खाई को कैसे पाटेगी? एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि भारतीय रुपये के मूल्य में अनवरत गिरावट चुभने वाला संवेदनशील मुद्दा है। देश के विदेशी मुद्रा भण्डार में भी लगातार कमी की खबरें अब लोगों को विचलित करने लगी हैं। ऐसे में भारतीय अर्थव्यवस्था को संभालने में यहां के उद्योगपतियों और धन्नासेठों की भूमिका क्या है, देश यह जानने को इच्छुक है।
गौरतलब है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में गिरावट के बीच विपक्ष लगातार मोदी सरकार को घेर रहा है। पिछले कुछ समय से कांग्रेस, सपा, बसपा और अन्य राजनीतिक दल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पहले के बयानों का उल्लेख कर डॉलर के मुकाबले रुपए की गिरावट को सियासी मुद्दा बनाने की कोशिश में हैं।
मायावती ने 23 सितम्बर को पहली बार रुपये के 81 प्रति डॉलर का स्तर पार करने पर प्रतिक्रिया में कहा था कि भारतीय रुपये की विश्व बाजार में लगातार गिरावट भले ही सरकार के प्रतिष्ठा से सीधे तौर पर न जुड़ी हो और लोगों को भी इसकी ख़ास चिन्ता न हो लेकिन इससे देश की अर्थव्यवस्था चरमराती है और मनोबल भी टूटता है। उन्होंने सरकार को रुपये के अवमूल्यन को हल्के में न लेने की सलाह दी थी।