दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण से जंग के लिए लागू किया जाने वाला ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान यानी ग्रैप के प्रावधान इस बार पंद्रह दिन पहले यानी एक अक्तूबर से ही लागू किए जाएंगे। आमतौर पर 15 अक्तूबर से 15 फरवरी तक ग्रैप को लागू किया जाता है। राजधानी दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र को हर साल जाड़े के मौसम में भारी प्रदूषण का सामना करना पड़ता है।
प्रदूषण के चलते हवा इतनी जहरीली हो जाती है कि स्कूल-कॉलेज बंद करने पड़ते हैं और निर्माण कार्यों पर रोक लगानी पड़ती है। डीजल वाहनों के दिल्ली में प्रवेश पर भी पाबंदी लगती रही है। इसके चलते हर साल 15 अक्तूबर से ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान यानी ग्रैप लागू किया जाता रहा है। लेकिन, पहले के अनुभवों से सबक लेते हुए इस बार पंद्रह दिन पहले यानी एक अक्तूबर से ही ग्रैप के प्रावधान लागू किए जाएंगे।
पहले लागू होने वाले ग्रैप के प्रावधानों में भी कुछ बदलाव किए गए हैं। ग्रैप के प्रावधानों को लागू करने का फैसला लेने के लिए 11 सदस्यीय उप समिति का गठन किया गया था। पिछले साल तक इसमें छह सदस्य रहा करते थे। लेकिन, इस साल इस उप समिति में 11 सदस्य बनाए गए।
स्टेज 1
प्रदूषण फैलाने वाले उद्यमों व वाहनों पर सख्त कार्रवाई। कचरा जलाने (बायोमास बर्निंग) पर भी अभियान चलाकर कार्रवाई।
स्टेज 2
होटल-रेस्तरां के तंदूर में कोयले और लकड़ी जलाने पर पाबंदी। आवश्यक सेवाओं के अलावा डीजल संचालित जेनरेटर पर पाबंदी।
स्टेज 3
– निर्माण व ध्वस्तीकरण कार्यों पर रोक लग सकती है। रेलवे, मेट्रो, एयरपोर्ट, आईएसबीटी, राष्ट्रीय सुरक्षा और महत्व से जुड़ी परियोजनाओं को छूट रहेगी। प्रदूषण नहीं फैलाने वाले प्लंबर, कारपेंटरी और इलेक्ट्रिकल काम जरूर कराए जा सकेंगे।
– स्वच्छ ईंधन पर नहीं चलने वाले ईंट भट्ठे, हॉट मिक्स प्लांट और स्टोन क्रशर को दिल्ली-एनसीआर में बंद किया जा सकता है।
– दिल्ली-एनसीआर की राज्य सरकारें बीएस तीन संचालित पेट्रोल वाहन और बीएस चार संचालित डीजल वाहन वाहनों पर पाबंदी लगा सकती हैं।
स्टेज 4
– दिल्ली में ट्रकों के प्रवेश पर लगाई जा सकती है पाबंदी। आवश्यक सामान लाने वाले भारी वाहनों को भी इससे छूट रह सकती है। दिल्ली और दिल्ली से सटे एनसीआर के जिलों में डीजल के चारपहिया वाहनों पर प्रतिबंध लग सकता है। इसमें बीएस छह इंजन और आवश्यक सेवाओं में लगे वाहनों को छूट रहेगी।
– स्वच्छ ईंधन पर नहीं चलने वाले उद्यमों पर भी लग सकती है पाबंदी। राजमार्ग, सड़क, पुल, ओवरब्रिज, बिजली पारेषण लाइन बिछाने आदि कार्यों में निर्माण और ध्वस्तीकरण के कार्यों पर पाबंदी लगाई जा सकती है।
विज्ञान एवं पर्यावरण केंद्र की निदेशक (शोध एवं परामर्श) अनुमिता राय चौधुरी ने कहा, ‘ग्रैप के प्रावधानों में सकारात्मक बदलाव किए गए हैं। अब पूर्वानुमान के आधार पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई होगी। सभी विभागों और राज्यों को प्रदूषण की रोकथाम के लिए साल भर चलने वाले उपायों पर भी ध्यान केन्द्रित करना चाहिए।’
क्या है ग्रैप
प्रदूषण की रोकथाम के लिए वर्ष 2017 में ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान यानी ग्रैप को लांच किया गया था। ग्रैप में प्रदूषण का स्तर बढ़ने के साथ ही अलग-अलग प्रतिबंधात्मक उपायों को लागू किया जाता है। आमतौर पर 15 अक्तूबर से 15 फरवरी के बीच ग्रैप के प्रावधान लागू रहते हैं।
इस बार एक कदम आगे बढ़कर की जाएगी सख्ती, लिए जाएंगे निर्णय
पिछले साल तक हवा में प्रदूषक कण 2.5 और पीएम 10 के खास स्तर तक पहुंच जाने के बाद ही प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की जाती रही है। लेकिन, इस बार एक कदम आगे बढ़ते हुए प्रदूषण के पूर्वानुमान के आधार पर प्रतिबंधात्मक कदम उठाए जा सकते हैं। मौसम की स्थिति, हवा की गति, पराली जलाने की संख्या और अन्य स्रोतों से निकलने वाले प्रदूषण के आधार पर तीन दिन पहले से ही प्रदूषण का पूर्वानुमान किया जाएगा और इसी आधार पर निर्णय लिए जाएंगे।
एनसीआर का हाल
नोएडा: वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए कई टीमें काम करेंगी
वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए प्राधिकरण और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की कई टीमें काम करेंगी। पहली अक्तूबर से ग्रैप लागू होगा। इससे शहर में कई पाबंदियां लागू होंगी। ये पाबंदियां चरणबद्ध तरीके से वायु प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए लगाई जाएंगी। गौतमबुद्ध नगर में 20 हजार के आसपास औद्योगिक इकाइयां हैं। वहीं नोएडा में सैकड़ों सोसाइटी में लोग रह रहे हैं। वायु प्रदूषण बढ़ने पर ये प्रभावित होंगे, क्योंकि इन स्थानों पर जनरेटर के चलाने पर रोक होगी। वहीं निर्माण कार्य, हॉट मिक्स प्लांट, ईंट भट्ठे, आदि बंद किए जाएंगे। इस बार पूर्वानुमान के आधार पर तीन दिन पहले ही पाबंदियां लागू की जा सकेंगी।
गाजियाबाद: बड़ी निर्माण साइटों पर एंटी स्मॉग गन लगाना अनिवार्य
जनपद में तीन अक्तूबर को जिलास्तर पर ग्रैप की तैयारियों को लेकर बैठक होगी। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सभी बड़ी निर्माणाधीन साइटों पर एंटी स्मॉग गन लगाना अनिवार्य कर दिया है। यह गन 20 हजार वर्गमीटर से ज्यादा बड़े क्षेत्रफल की साइट पर लगाई जानी हैं। ग्रैप लागू होने के बाद बिना स्वच्छ ईंधन वाले उद्योगों एवं जेनरेटर के चलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लागू हो जाएगा। इसी दिशा में वायु गुणवत्ता सुधार आयोग ने करीब छह महीने पहले जनपद के सभी औद्योगिक संगठनों को आदेशित किया था कि 30 सितंबर तक सभी उद्योगों में पीएनजी ईंधन का प्रयोग अनिवार्य रूप से किया जाए।
फरीदाबाद: चालान करने के लिए जिले में 20 टीम गठित की गईं
एक अक्टूबर से लागू हो रहे ग्रैप को लेकर नगर निगम ने 20 टीमों का गठन किया है। यह टीम कूडा जलाने वालों के चालान करेंगी। साथ ही खुले में निर्माण सामग्री रखने वालो पर भी शिकंजा कसेगी। हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने उद्योग सहित सोसायटियों को जनरेटर का इस्तेमाल नही करने के निर्देश दिए है। नगर निगम ने वायु प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए पांच जगह एंटी स्मॉग गन लगाने का काम शुरू कर दिया है और दो एंटी स्मॉग गन को वाहनों पर लगाया जा रहा है। नगर निगम के कार्यकारी अभियंता ओपी कर्दम का कहना है कि ग्रैप को लागू करने को लेकर एक्शन प्लान तैयार कर लिया है।
गुरुग्राम: निगम और प्रदूषण विभाग मिलकर काम करेंगे
प्रदूषण नियंत्रण के लिए एक अक्तूबर से ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (ग्रैप) को सख्ती से लागू कराने के लिए प्रशासन और अन्य संबंधित विभागों ने तेयारी शुरू कर दी है। निगम सहित प्रदूषण विभाग की एक दर्जन से ज्यादा टीमें इसके लिए सख्ती से काम करेंगी। ग्रैप के दौरान प्रदूषण बढ़ाने वाली गतिविधियां करने वालों के चालान किए जाएंगे। मैकेनिकल स्वीपिंग का दायरा बढ़ाने सहित मुख्य सड़कों की अधिक से अधिक सफाई मैकेनिकल तरीके से ही की जाएगी। निगम और प्रदूषण विभाग की इनफोर्समेंट टीमें अपने-अपने क्षेत्र में खुले में निर्माण सामग्री रखने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेंगी।