सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर को एक बार फिर तगड़ा झटका लगा है। बलिया के 25 से अधिक कार्यकर्ताओं और नेताओं ने इस बार सामूहिक इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा देने के बाद नेताओं ने कहा कि वे ओम प्रकाश राजभर के विचारधार से क्षुब्ध हैं जिस कारण से उन्हें ऐसा कदम उठाना पड़ा है।
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। कई जिलों के पार्टी नेता और कार्यकर्ता ओम प्रकाश राजभर से अपना नाता तोड़ रहे हैं। बलिया में एक साथ 25 से अधिक नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जिला स्थित डाक बंगला में सुभासपा की टोपी उतारकर जमीन पर रखी दी। नेताओं का कहना है कि वे ओम प्रकाश राजभर की बदलती विचारधारा से वे आहत हैं।
पूर्व बसपा नेता बड़े लाल चौहान ने कहा, “ओम प्रकाश राजभर जो दलितों और पिछड़े वर्ग की लड़ाई लड़ने का काम करते हैं लेकिन जब दलितों को हिस्सा देने की बात आती है तो वे पीछे हट जाते हैं। ओम प्रकाश राजभर अवसरवादी नेता हैं। किसी को भी पार्टी पर उलटा-सीधा बयान जारी करते हैं। पार्टी पदाधिकारियों और नेताओं को भी भला-बुरा बोलते हैं। उपेक्षा करते हैं। इसलिए उनकी बातों से क्षुब्ध होकर इस्तीफा दे रहे हैं।”
सुभासपा के प्रदेश महासचिव ने भी छोड़ा साथ
ओम प्रकाश राजभर का साथ छोड़ने का सिलसिला कई दिनों से चला आ रहा है। हाल ही में देवरिया के रहने वाले प्रदेश महासचिव अभय नंदन बरनवाल ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया उन्होंने सुभषपा प्रमुख पर आरोप लगाते हुए कहा कि ओम प्रकाश राजभर टिकटे बेचने का काम करते हैं। वे माफिया मुख्तार अंसारी के पक्षदर हैं।