दिल्ली हाईकोर्ट ने फरवरी 2020 के दिल्ली दंगों के मुख्य आरोपी पूर्व निगम पार्षद ताहिर हुसैन की ओर से दायर याचिका पर दिल्ली पुलिस और अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया है। याचिकाकर्ता ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली हिंसा के संबंध में खजूरी खास थाने में दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की है।
इस मामले में जस्टिस अनूप कुमार मेंदीरत्ता ने शुक्रवार को दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है। बेंच ने दिल्ली पुलिस को 4 हफ्ते के अंदर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त लोक अभियोजक ने नोटिस को स्वीकार कर लिया। अदालत 25 जनवरी, 2023 को इसी तरह के तीन अन्य मामलों के साथ याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।
याचिकाकर्ता ताहिर हुसैन के वकील एडवोकेट रिजवान ने कहा कि यह याचिका एफआईआर को रद्द करने और क्लब करने के लिए है।
वकील ने बताया कि एफआईआर दंगा, आगजनी, जनता को नुकसान पहुंचाने और आपराधिक साजिश से संबंधित हैं। उन्होंने आगे सवाल किया कि अगर याचिकाकर्ता पर दिल्ली दंगों की एक बड़ी साजिश का आरोप लगाया गया है, तो उस पर दंगों से जुड़ी अन्य छोटी/अन्य साजिशों का आरोप कैसे लगाया जा सकता है।
एक अन्य बेंच ने 16 सितंबर को मामले को मुख्य न्यायाधीश के समक्ष रखने का निर्देश दिया, यह देखते हुए कि याचिकाकर्ता द्वारा दायर अन्य याचिकाएं जस्टिस मेंदीरत्ता की अदालत में लंबित हैं। फिर मामले को शुक्रवार को बेंच के समक्ष सूचीबद्ध किया गया।
ताहिर हुसैन 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों की एक बड़ी साजिश से जुड़े एक मामले में भी आरोपी है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने उस पर उमर खालिद, शरजील इमाम, सफूरा जरगर और अन्य आरोपियों के साथ यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया था।
वह आईबी कर्मचारी अंकित शर्मा की कथित हत्या से जुड़े मामले में भी आरोपी है। वह दंगों से जुड़े कुछ और मामलों में भी आरोपी है। वह दंगों से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भी आरोपी है। मामले में गिरफ्तारी के बाद से वह हिरासत में है।