गुरुग्राम नगर निगम (एमसीजी) शनिवार को 26 सितंबर से 5 अक्टूबर तक नौ दिनों के लिए मांस की दुकानों को बंद करने का आदेश जारी कर सकता है। यह बात मामले की जानकारी रखने वाले निगम के कर्मचारी ने बताई। शहर में 129 लाइसेंस प्राप्त मांस की दुकानों के अधिकांश मालिक त्योहार के दौरान स्वेच्छा से दुकान के शटर बंद कर देते हैं। वहीं कुछ सुरक्षा के कारण ऐसा करते हैं क्योंकि अतीत में राइट विंग ग्रुप ने जबरन उनकी दुकानें बंद करवा दी थीं।
हालांकि यह पहली बार होगा जब एमसीजी मांस की दुकानों को बंद करने का निर्देश देने वाला आधिकारिक आदेश जारी करेगा। मीट से संबंधित मामलों की देखरेख करने वाले एमसीजी के संयुक्त आयुक्त विजयपाल यादव के अनुसार, नौ दिन के दौरान मांस की दुकानों पर नजर रखने के लिए 35 टीमों का गठन किया जाएगा। इस दौरान जिनकी दुकान खुली मिलेगी उनपर आदेश का उल्लंघन करने को लेकर 5,000 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा।
यादव ने कहा, ‘एमसीजी संभवत: कल (शनिवार) आदेश जारी करेगा जिसमें शहर भर के मांस की दुकान मालिकों को नवरात्रि के दौरान अपनी दुकानें बंद करने का निर्देश दिया जाएगा। आदेश का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाया जाएगा, और बार-बार उल्लंघन करने पर एमसीजी उनकी दुकान को सील भी कर सकता है। इसके लिए वार्डवार टीमों का गठन किया गया है।’
मीट दुकानों के मालिकों ने कहा कि वे दुकानें बंद कर देंगे क्योंकि पिछले कुछ सालों से ऐसी प्रथा चल रही है। सदर बाजार में मीट शॉप विक्रेता साबिर कुरैशी ने कहा, ‘हम पहले भी नवरात्रि के दौरान दुकानें बंद करते रहे हैं, क्योंकि एमसीजी अधिकारियों ने अनौपचारिक रूप से धार्मिक भावनाओं का हवाला देते हुए हमसे ऐसा करने का अनुरोध किया था। हम इस साल भी इस अवधि के दौरान दुकानें बंद रखेंगे, भले ही एमसीजी कोई निर्देश जारी करे या ना करे।’
इससे पहले जुलाई में हरियाणा नगर निगम ने जैन त्योहार पर्युषण पर्व के मौके पर 24 अगस्त से एक सितंबर तक राज्य भर में सभी मांस की दुकानों और बूचड़खानों को नौ दिनों के लिए बंद करने का आदेश दिया था। इस निर्देश के खिलाफ अंबाला स्थित पोल्ट्री फार्म के मालिकों ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसके बाद कोर्ट ने आदेश पर स्टे जारी किया और मांस की दुकानें नौ के बजाय केवल दो दिन के लिए बंद रहीं।