भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गुरुवार को महाराष्ट्र की लक्ष्मी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड का लाइसेंस रद्द कर दिया। आरबीआई ने बैंक का लाइसेंस रद्द करते हुए कहा कि सोलापुर स्थित बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं हैं और यह नियमों का पालन नहीं कर रही है। आरबीआई का आदेश आज से ही प्रभावी हो जाएगा। आरबीआई ने बयान में कहा कि को-ऑपरेटिव बैंक द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से 99 प्रतिशत से अधिक जमाकर्ता अपनी जमा की पूरी राशि प्राप्त करने के हकदार हैं। इसमें कहा गया है कि डीआईसीजीसी ने 13 सितंबर, 2022 तक कुल बीमित जमा राशि का 193.68 करोड़ रुपये पहले ही भुगतान कर दिया है।
आरबीआई ने ‘‘बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं हैं।’’ केंद्रीय बैंक ने कहा कि लक्ष्मी को-ऑपरेटिव बैंक बृहस्पतिवार (22 सितंबर, 2022) को कारोबार की समाप्ति से बैंकिंग कारोबार बंद कर देगा। रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया है कि बैंक अपनी मौजूदा वित्तीय स्थिति में जमाकर्ताओं की पूरी राशि का भुगतान करने में समर्थ नहीं है।
बता दें कि भारत सरकार के नियमों के मुताबिक, जिन ग्राहकों ने बैंक में पैसा जमा कर रखा है उन्हें पांच लाख रुपये के डिपॉजिट पर इंश्योरेंस का कवर दिया जाता है। यह इंश्योरेंस डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) की ओर से दी जा रही है जोकि RBI की ही एक सब्सिडियरी है। हालांकि जिन ग्राहकों ने बैंक में पांच लाख रुपये से अधिक की राशि जमा करा रखी है उन्हें पूरी रकम वापस नहीं मिल सकेगी। यानी उन ग्राहकों को भी अधिकतम 5 लाख रुपये ही मिलेंगे।
आरबीआई ने सहकारिता आयुक्त और सहकारी समितियों (महाराष्ट्र) के रजिस्ट्रार को बैंक को बंद करने और बैंक के लिए एक परिसमापक (liquidator) नियुक्त करने का आदेश जारी करने के लिए कहा है। इससे पहले आरबीआई ने 14 जुलाई को पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावना नहीं होने के कारण डॉ. शिवाजीराव पाटिल निलंगेकर अर्बन कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड का लाइसेंस रद्द कर दिया था। इसके अलावा पिछले ही साल RBI ने महाराष्ट्र में कनराला नागरी कोऑपरेटिव बैंक, पनवेल का लाइसेंस रद्द कर दिया था।