मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में 15 सितंबर को लोगों के एक समूह द्वारा धार्मिक पहचान को लेकर मां, पिता और एक बेटे सहित एक मुस्लिम परिवार पर कथित रूप से हमला किया गया। जिसका वीडियो अब वायरल हो रहा है। छिंदवाड़ा जिले के चौरई थाना क्षेत्र के औरिया गांव में भीड़ ने 23 वर्षीय वाजिद अली, उसके पिता लायक अली और उसकी मां पर हमला किया।
जिसके बाद वाजिद अली ने कहा कि वह और उसके माता-पिता सिवनी जिले के अरी गांव में अपनी एक बहन से मिलने जा रहे थे, जब औरिया गांव की भीड़ ने उन पर हमला किया जिन्होंने उनकी धार्मिक पहचान के कारण उन्हें निशाना बनाया। उसने कहा कि हम अपनी बहन से मिलने जा रहे थे कि अनिल पाल और महेश पाल सहित औरिया गांव के लोगों ने हमें रोका और मेरे माता-पिता को पीटना शुरू कर दिया। मुझे भी पीटा गया था और अगर पुलिस नहीं आती तो वे हमें मार देते।
वहीं पुलिस ने हस्तक्षेप किया और तीनों पीड़ितों को स्थानीय अस्पताल ले जाया गया। जहां से वाजिद को छिंदवाड़ा के जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। वाजिद ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि उसके द्वारा दर्ज की गई शिकायत को गलत तरीके से उद्धृत किया गया है।
लेकिन पुलिस ने पीड़ितों के धार्मिक पहचान के कारण हमला किए जाने के दावों से इनकार किया और कहा कि वाजिद अपने गांव की एक लड़की के साथ संबंध में था और कुछ महीने पहले उसके साथ भाग गया था। लड़की के परिवार ने शिकायत दर्ज कराई थी जिसके बाद दोनों महाराष्ट्र के नासिक में स्थित थे और पुलिस उन्हें वापस ले आई। साथ ही समझौता होने के बाद दोनों पक्षों के बीच मामला सुलझा लिया गया था और लड़की के परिवार ने उसे औरिया गांव में अपने मामा के साथ रहने के लिए भेज दिया था।
चौराई थाना क्षेत्र के कुपुरदा पुलिस चौकी के प्रभारी द्वारका प्रसाद पाल ने कहा कि लड़का और लड़के के परिवारवाले औरिया गांव गए थे जहां पर लड़की के मामा लोगों ने इन्हे पहचान लिया। लेकिन पहले समझाइश दी और जिसके बाद जब मामला बढ़ा तो फिर इनकी पिटाई कर दी गई थी।
हालांकि परिवार की शिकायत पर धारा 294 , 323 , 506, 34 के तहत मामला दर्ज किया गया। पुलिस द्वारा पीड़ितों के बयान बदलने के आरोपों पर द्वारका प्रसाद ने कहा कि पुलिस ने बयानों में कोई बदलाव नहीं किया है और पीड़ितों ने अस्पताल में पुलिस द्वारा दर्ज बयान की तस्वीरें लीं गई है।
बता दें कि वाजिद ने यह भी पुष्टि की कि वह लड़की के साथ रिश्ते में था और दोनों भाग गए थे और बाद में पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया था। हालांकि, वाजिद ने कहा कि 15 सितंबर को वह और उनके माता-पिता अरी गांव में बहन से मिलने जा रहे थे और उन्हें रोक दिया गया था। और औरिया के ग्रामीणों की पिटाई की।