हंगामे के बाद यूपी विधानसभा और विधानपरिषद की कार्यवाही को कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया है लेकिन समाजवादी पार्टी के विधायक अब भी वेल में जमे हुए हैं। उन्होंने वहां अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है। सपा विधायकों के समर्थन में रालोद के विधायक भी वेल में धरना दे रहे हैं। दोनों दलों के विधायकों की मांग है कि सोमवार को विधायकों को विधानसभा में आने से रोकने वाले पुलिस अधिकारियों को सदन में बुलाकर कार्रवाई की जाए। उनका कहना है कि पुलिस अधिकारियों द्वारा विधायकों को रोका जाना उनके विशेषाधिकार का हनन है।
बता दें कि सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की अगुवाई में सपा के विधायकों और विधान परिषद सदस्यों ने पैदल मार्च निकाला था। उन्हें पुलिस ने यह कहते हुए रोक दिया था कि प्रशासन से इसकी इजाजत नहीं ली गई थी। इसे लेकर मंगलवार को समाजवादी पार्टी ने विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया और कहा कि विधायकों को रोके जाने के लिए जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों को सदन में बुलाकर कार्रवाई की जाए।
हंगामे के बाद दोनों सदनों की कार्यवाही को कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया लेकिन घर जाने की बजाये सपा और रालोद के विधायक वेल में आ गए। उन्होंने वहां अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया। सपा विधायकों के समर्थन में राष्ट्रीय लोकदल के विधायक भी वेल में बैठे हैं।
अखिलेश के धरने पर मायावती का योगी सरकार पर हमला
बसपा सुप्रीमो मायावती ने बिना नाम लिए सपा के धरने पर योगी सरकार को घेरा है। मायावती ने मंगलवार सुबह ट्वीट कर कहा कि विपक्षी पार्टियों को सरकार की जनविरोधी नीतियों व उसकी निरंकुशता तथा जुल्म-ज्यादती आदि को लेकर धरना-प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं देना भाजपा सरकार की नई तानाशाही प्रवृति हो गई है। साथ ही बात-बात पर मुकदमे व लोगों की गिरफ्तारी और विरोध को कुचलने की बनी सरकारी धारणा अति-घातक है।
मायावती ने कहा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय द्वारा फीस में एकमुश्त भारी वृद्धि करने के विरोध में छात्रों के आन्दोलन को जिस प्रकार कुचलने का प्रयास जारी है वह अनुचित व निन्दनीय है। बीएसपी की मांग है कि यूपी सरकार अपनी निरंकुशता को त्याग कर छात्रों की वाजिब मांगों पर सहानुभतिपूर्वक विचार करे।