दिल्ली की एयरपोर्ट पुलिस ने फर्जी पासपोर्ट-वीजा बनाने वाले एक गैंग का पर्दाफाश करते हुए उसके तीन एजेंट को गिरफ्तार किया है। गैंग के मजलिस पार्क स्थित दफ्तर से बड़ी संख्या में फर्जी पासपोर्ट और वीजा बरामद किए गए हैं।
डीसीपी तनु शर्मा ने कहा कि 2021 में दर्ज गुरनूर सिंह नामक युवक की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई है। गुरनूर को सोशल मीडिया पर अमित गौर नाम के आदमी से परिचय हुआ। अमित के झांसे में आकर गुरनूर ने अपने प्रशिक्षण संस्थान के पांच छात्रों को ऑस्ट्रेलिया का पढ़ाई वीजा दिलवाया। इस एवज में उसने अमित को 18 लाख रुपये दे दिए। जब पांचों छात्रों ने दूतावास से संपर्क किया तो वीजा फर्जी निकले। इसके बाद गुरनूर की शिकायत पर आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की।
डीसीपी ने बताया कि फर्जी वीजा बनाने वाले गैंग का पता लगाने के लिए बनाई गई टीम ने 11 सितंबर को अमित गौर को दबोचा। अमित ने बताया कि वह 2017 में कमिशन एजेंट चंद्रिका प्रसाद के माध्यम से नितिन, मंजीत और विजय से मिला था। इसके बाद चंद्रिका और नितिन को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
गिरफ्तार आरोपी फर्जी वीजा बनाने का मास्टरमाइंड
1. 12 भारतीय, सात अंतरराष्ट्रीय पासपोर्ट, 26 वीजा, 165 स्टांप, सात कलर प्रिंटर आदि बरामद।
2. गैंग के सदस्य मंजीत और विजय फरार। गिरफ्तार तीनों आरोपी मास्टरमाइंड हैं और फर्जी वीजा तैयार करने में माहिर हैं। खास तौर से पंजाब और हरियाणा के लोगों से ठगी करते हैं।
3. नितिन पर वर्ष 2019 में दुष्कर्म का केस दर्ज हुआ था। मंजीत पर कबूतरबाजी का केस दर्ज है।