ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क थाने की पुलिस और स्वाट टीम ने अमेरिका से ड्रग तस्करी करने वाले गिरोह का रविवार को भंडाफोड़ किया है। यह गिरोह टेलीग्राम पर एक ग्रुप बनाकर दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई शहरों में छात्रों को नशीले पदार्थ की तस्करी करता था। इसके बदले वह क्रिप्टो करेंसी से भुगतान करते थे। पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। वहीं, इस मामले में अभी कई अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी हो सकती है। नोएडा-ग्रेनो में पढ़ने वाले छात्रों को नशीला पदार्थ आपूर्ति करने वाले सक्रिय है। इसके नेटवर्क को तोड़ने के लिए पुलिस और स्वाट टीम लगी हुई थी। जब पुलिस को गिरोह के बारे में पता चला तो इनकी तलाश में जुट गई।
डीसीपी खुद जुड़े
टेलीग्राम के माध्यम से उनके ग्रुप के बारे में पता चला। डीसीपी अभिषेक वर्मा इससे जुड़ गए। इसके बाद खुद डीसीपी ग्राहक बनकर इन लोगों से मिलने के लिए गए। इसके बाद टीम ने भानु निवासी सी-63 ज्ञानबाग कॉलोनी, फरीदाबाद, अधिराज निवासी एफ-107 साउथ एंड अपार्टमेन्ट इरोज गार्डन चार्म्स वूड विलेज, फरीदाबाद और सोनू कुमार निवासी सी-402, फरीदाबाद को एलजी गोल चक्कर के पास से गिरफ्तार किया है।
यह बरामद
इनके पास से अवैध नशीला ओजी (ओरिजनल ग्रोवर कैलिफोर्निया वेड), टेबलेट, वजन मापने की छोटी इलेक्ट्रोनिक मशीन, सिल्वर धातु की पाउडर बनाने की डिब्बी बरामद की है। वहीं, 960 ग्राम नशीला पदार्थ बरामद किया है। इसकी कीमत 29 लाख रुपये है।
ऐप और सोशल मीडिया प्लेटफार्म से जोड़ते थे
आरोपी मोबाइल ऐप और सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिये छात्रों को जोड़ते थे। अब पुलिस ऐप और सोशल मीडिया प्लेटफार्म की जांच कर रही है। ताकि अन्य आरोपियों को पकड़ा जा सके। जो नशे की खेप पकड़ी गई है। वह कैलिफोर्निया वीड है जो विदेश से ट्रैफिकिंग के जरिए यहां पर मंगाई गई है।
टेलीग्राम ग्रुप में देते थे ऑर्डर
इन लोगों ने एक टेलीग्राम ग्रुप बनाया था। इसमें 250 लोग जुड़े थे। आरोपी सोनू कुमार ने डोपबाजी के नाम से ग्रुप बनाया था। इसमें ऑर्डर आता था। इसके बाद इन तीनों ग्रेटर नोएडा के अलग-अलग कॉलेज और होस्टल में यह नशे की खेप सप्लाई करते थे। इसमें कई ऑनलाइन ऐप से पेमेंट होती थी। यह माल अमेरिका से कुरियर द्वारा भी मंगाया जाता था। तीनों आरोपी नोएडा, ग्रेटर नोएडा, दिल्ली, मुंबई, लखनऊ, कानपुर समेत दक्षिण भारत के शहरों में भी नशीला पदार्थ बेचते थे।
ग्रेटर नोएडा के डीसीपी अभिषेक वर्मा ने कहा, ‘दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई शहरों में छात्रों को नशीले पदार्थ की आपूर्ति करने वाले तीन आरोपी पकड़े गए हैं। इस मामले में अभी कई और नाम सामने आए हैं। जांच की जा रही है।’
कुरियर कंपनी से पूछताछ होगी
अमेरिका से ऑनलाइन नशीला पदार्थ मंगाकर आरोपी क्रिप्टोकरेंसी से भुगतान करते थे। पुलिस क्रिप्टो करेंसी के रूट की जांच कर रही है। एक साल में तीनों आरोपियों के बैंक खातों में 15-14 लाख रुपये आए हैं। ये हर माह 200 छात्रों को नशीले पदार्थ की आपूर्ति करते थे। पुलिस कुरियर कंपनी से भी पूछताछ करेगी।