समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को बसपा सुप्रीमो मायावती पर बड़ा हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि मायावती वही करती हैं तो बीजेपी उन्हें करने के लिए कहती है। वह भाजपा को फायदा पहुंचाने वाली ऐसी नेता हो गई हैं जो अपनी ही बनाई जेल में कैद हैं और उनका जेलर दिल्ली में बैठा है। शनिवार को बसपा अध्यक्ष मायावती ने अखिलेश को इसका जवाब दिया। एक के बाद एक तीन ट्वीट कर उन्होंने सपा और भाजपा के बीच अंदरुनी सांठगांठ का आरोप लगाया और कहा कि उसके मुख्य विपक्षी पार्टी होने के चलते ही यूपी में भाजपा को वॉकओवर मिला हुआ है।
मायावती ने लिखा-‘ समाजवादी पार्टी यूपी में अपना जनाधार खोती जा रही है जिसके लिए उसके अपने कृत्य ही मुख्य कारण हैं। परिवार, पार्टी व इनके गठबंधन में आपसी झगड़े, खींचतान तथा आपराधिक तत्वों से इनकी खुली सांठगांठ व जेल मिलान आदि की खबरें मीडिया में आम चर्चाओं में हैं तो फिर लोगों में निराशा क्यों न हो?’ जाहिर है मायावती ने इस ट्वीट में पिछले दिनों अखिलेश यादव के आजमगढ़ जाकर जेल में बंद बाहुबली रमाकांत यादव से मुलाकात पर सवाल उठाया है।
अपने अगले ट्वीट में मायावती ने लिखा- ‘साथ ही, सपा की भाजपा के साथ अन्दरुनी मिलीभगत किसी से छिपी नहीं है और यही खास वजह है कि सपा के मुख्य विपक्षी पार्टी होने पर बीजेपी सरकार को यहां वॉकओवर मिला हुआ है। सरकार को अपनी मनमानी करने की छूट है। इससे आम जनता और खासकर मुस्लिम समाज का जीवन त्रस्त और उनमें काफी बेचैनी है।’
बता दें कि मायावती ने मदरसा सर्वे को लेकर शुक्रवार को भी यूपी में मुस्लिम समाज की स्थिति का मुद्दा उठाया था। उन्होंने एक ट्वीट में लिखा था कि मदरसों पर बीजेपी की टेढ़ी नज़र है। मायावती लगातार बसपा को मुस्लिमों की सच्ची हितैषी पार्टी बता रही हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के तुरंत बाद उन्होंने एक बयान में कहा था कि मुस्लिम समाज के सपा के पक्ष में ध्रुवीकरण के चलते ही यूपी में बीजेपी की जीत हुई है। वह लगातार मुस्लिम समाज से जुड़े मुद्दे उठाकर उन्हें बसपा के साथ लाने का प्रयास कर रही हैं। इसके साथ ही सपा पर मुस्लिमों के साथ धोखा करने के आरोप लगाते हुए लगातार हमले कर रही हैं।
शनिवार को अपने तीसरे ट्वीट में बसपा सुप्रीमो ने लिखा-‘सपा मुखिया अपनी इसी प्रकार की जनविरोधी कमियों को छिपाने के लिए दूसरों के खिलाफ अक्सर अनर्गल व बचकानी बयानबाजी आदि करके व करवाकर लोगों का ध्यान बांटने का प्रयास करते रहते हैं, जिससे लोगों व देश की अन्य विपक्षी पार्टियों को भी सपा से सावधान रहने की ज़रूरत है।’