यमुना नदी में भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति के विसर्जन के दौरान डूबने वाले दो किशोर सहित पांच युवकों के परिवार में कोहराम मचा हुआ है। जिस समय हादसा हुआ उस दौरान परिजन चीखते-बिलखते रहे। परिजनों के देखते ही देखते पांचों युवक नदी में समा गए। दिल्ली पुलिस ने सोमवार को पांचों के शवों का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया।
सेक्टर-39 थाना क्षेत्र के सलारपुर स्थित काला गेट निवासी दो सगे भाई 20 वर्षीय अंकित और 16 वर्षीय अर्पित उर्फ लक्की, 17 वर्षीय ललित, 19 वर्षीय वीरू उर्फ वीरेंद्र और 20 वर्षीय शानू परिवार के साथ डीएनडी यमुना नदी में भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति का विसर्जन करने गए थे। विसर्जन के दौरान पैर फिसलने से अंकित नदी में गिर गया था। उसे बचाने के लिए एक के बाद एक पांचों नदी में गिर गए और डूबने से उनकी मौत हो गई थी।
गोताखोरों ने रात में ही शवों को निकाल लिया था। पुलिस ने सोमवार को पांचों के शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिए। युवकों की मौत पर परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। पांचों के परिवार में मातम छाया हुआ है। परिजनों का कहना है कि उनके बच्चे एक के बाद एक देखते ही देखते नदी में समा गए। वह सिर्फ चीखते और बिलखते रहे। जब तक आसपास के लोग पहुंचे तब तक बच्चे नदी में डूब चुके थे।
रितुराज का नोएडा और अन्य का गांव में अंतिम संस्कार
मृतक रितुराज उर्फ शानू का अंतिम संस्कार उनके परिजनों द्वारा सलारपुर गांव में ही किया जाएगा। वह मूलरूप से कुशीनगर के सदिवा निवासी था। जबकि, अंकित और अर्पित का जौनपुर के रजोपुर में, वीरेंद्र उर्फ वीरू का आगरा के गढ़ी किशन में और ललित का बदायूं के इस्लामनगर में किया जाएगा।
कोई सहारा नहीं बचा
हादसे में जान गंवाने वाले दो भाई अंकित और अर्पित के परिवार में अब कोई माता-पिता का सहारा नहीं बचा है। उनके पिता राजेंद्र का कहना है कि दोनों बच्चों के जाने से उनका सब कुछ लुट गया। किसी से बात करने का मन नहीं कर रहा है। इनकी मां बच्चों को याद कर बार-बार बेहोश हो रही है। वहीं, नदी में डूबे रितुराज उर्फ शानू की बहन भाई की मौत के सदमे से बाहर नहीं आ सकी है। वह रविवार रात से बेसुध हो रही है।
पुलिस पर आरोप
मृतक ललित के पिता हरिकिशोर ने पुलिस पर आरोप लगाया कि हादसे के समय उन्होंने नोएडा पुलिस को सूचना दी थी। नोएडा पुलिस ने दिल्ली क्षेत्र का मामला होने की बात कहकर दिल्ली पुलिस को सूचना देने के लिए कह दिया।
अवकाश के चलते गए
मृतक फेज दो स्थित अलग-अलग फैक्ट्रियों में काम करते थे। रविवार को अवकाश होने के चलते जन्माष्टमी पर घर लाई गई भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति को विसर्जन करने का आयोजन किया था। कुल 18 लोग विसर्जन करने गए थे।