घर के झगड़े में चार साल की बेटी और एक माह के मासूम के सिर से मां का साया उठ गया। वहीं दो साल का मासूम भी घरेलू झगड़े की भेट चढ़ गया। चार साल की बेटी मां की तलाश कर रही है। मासूम को यह भी पता नहीं की उसकी मां और छोटा भाई इस दुनिया में नही रहे। फिलहाल बेटी को नानी अपने साथ ले गई हैं।
क्या है पूरा मामला
ग्राम कचनाल गाजी निवासी चुन्ना लाल ने छह साल पहले अपनी बेटी कुसुमलता की शादी धूमधाम से यूपी के दढ़ियाल, जिला रामपुर निवासी रामकिशोर के साथ की थी। शादी के कुछ समय तक वैवाहिक जीवन खुशी से कट रहा था। इसी बीच कुसुम ने पुत्री दीपिका (4) व पुत्र लव (2) को जन्म दिया। वहीं पति रामकिशोर का रिश्तेदार कुंडा थाना क्षेत्र के ग्राम गंगापुर गुसाईं में रहता है। इसके चलते कुसुम का आना-जाना भी रिश्तेदार के यहां लगा रहता था। जहां उसकी मुलाकात रिश्तेदार के पड़ोस में रहने वाले राजा के साथ हुई और दोनों का मिलना-जुलना शुरू हो गया। धीरे-धीरे दोनों में प्रेम प्रसंग हो गया।
और विवाद बढ़ता गया…
उसके बाद कुसुम का गंगापुर में जाना और बढ़ गया। इसकी भनक पति को भी लग गई और दोनों में अक्सर विवाद रहने लगा। यह बात जब उसने राजा को बताई तो करीब डेढ़ साल पहले राजा कुसुम को बच्चों के संग अपने गांव ले आया। यह बात पति रामकिशोर को नागवार गुजरी और मामला पुलिस तक पहुंच गया। इसी को लेकर गांव में पंचायत बैठाई गई। जिसमें रामकिशोर के साथ ही उसके परिजन भी शामिल हुए।
पंचायत का फैसला
पंचायत में सहमति के बाद कुसुम बच्चों को लेकर राजा के साथ रहने लगी। राजा फार्म हाउस में ड्राइवर की नौकरी कर अपने साथ ही परिवार की परवरिश करने लगा। एक माह पहले कुसुम ने एक और पुत्र जतिन को जन्म दिया। तीन बच्चे होने के कारण कुसुम भी अक्सर व्यस्त रहने लगी। वहीं बच्चों की देखभाल को लेकर राजा और कुसुम में विवाद होने लगा।
बच्चों की देखभाल को लेकर बढ़ा विवाद
रिश्तेदारों ने बताया कि तीन दिन पहले भी बच्चों की देखभाल को लेकर राजा ने कुसुम को डांट दिया था। उसके बाद विवाद भी शांत हो गया था। मंगलवार की दोपहर राजा अपने काम के लिये घर से चला गया। घर से जाने के बाद कुसुम ने मासूम बेटे लव और बेटी दीपिका को जहर देने के बाद खुद भी जहर खा लिया। इलाज के दौरान कुसुम और लव की मौत हो गई। जबकि दीपिका की जान बच गई।
रक्षाबंधन में बच्चों के साथ मायके गई थी कुसुम
रक्षा बंधन में कुसुम अपने तीनों बच्चों को लेकर मायके कचनाल गाजी गई थी और मायके में भाईयों को राखी बांध हंसी-खुशी रक्षाबंधन का त्योहार मनाया था। भाईयों को भी नहीं पता था कि उनकी बहन यह आत्मघाती कदम उठा सकती है। वहीं कुसुम की मौत के बाद एक माह के बेटे की परवरिश को लेकर भी परिजन चिंतित हैं।
पुलिस-प्रशासन की निगरानी में पोस्टमार्टम
जहर खाकर मौत के बाद पोस्टमार्टम हाउस में शव पहुंचने पर परिजन रोते-बिलखते रहे। वहीं नायब तहसीलदार राकेश चंद्र व पुलिस के अन्य अधिकारी भी पोस्टमार्टम हाउस पहुंच गए। नायब तहसीलदार और पुलिस अधिकारियों की निगरानी में पोस्टमार्टम होने के बाद शवों को राजा के सुर्पुद कर दिये गये।