2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर तैयारी में जुटी बसपा ने अब गुजरात मिशन के लिए कमर कस ली है। बसपा प्रमुख मायावती ने गुरुवार को समीक्षा बैठक के दौरान कार्यकर्ताओं को पूरा प्लान समझाया। मायावती ने गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर साफ संकेत भी दिए हैं। मायावती ने कहा, पार्टी अकेले दम पर गुजरात में चुनाव मैदान में उतरेगी। मायावती ने कहा कि गुजरात के गरीब, दलित व अन्य उपेक्षित काफी लंबे समय से उपयुक्त सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक न्याय का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस चिंताजनक हालात को संघर्ष व बेहतर चुनावी परिणाम से बदला जा सकता है।
बसपा की गुजरात इकाई के पदाधिकारियों के साथ बैठक के दौरान मायावती ने कहा कि गुजरात के लोग ‘अच्छे दिन’ का बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, जो भाजपा के चुनावी वादे से नहीं बल्कि सत्ता में इनकी उचित भागीदारी के बिना असंभव है। पार्टी मुख्यालय में आयोजित बैठक में मायावती ने गुजरात की राजनीतिक स्थिति और वहां होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी संगठन की चुनावी तैयारियों की समीक्षा की तथा अपने बलबूते पर चुनाव मैदान में उतरने के संकेत दिए।
बसपा प्रमुख ने कहा कि इसके अलावा, गुजरात में प्रवासी मजदूरों की कथित खराब दशा तथा उन पर आए दिन होने वाले शोषण संबंधी केवल कुछ की ही खबरें देश में लोगों तक पहुंच पाती हैं, जिस पर भी बसपा की प्रभावी सक्रियता जरूरी है। उन्होंने कहा कि गुजरात में इस बार आम आदमी पार्टी भी भाजपा की तरह ही रेवड़ी बांटने व अन्य प्रकार के प्रलोभन वाले चुनावी वादों वाली अपनी चाल चल रही है, लेकिन इन सबसे खासकर गरीबों, दलितों व अन्य उपेक्षित वर्गों का कोई भला नहीं हो रहा है।