बिहार में इस मॉनसूनी सीजन वज्रपात कहर बनकर लोगों पर टूट रहा है। सूबे में 24 घंटे के भीतर 8 और लोगों की ठनका की चपेट में आने से मौत हो गई। इनमें से पांच सारण, दो मुजफ्फरपुर और एक जहानाबाद जिले का रहने वाला था। इस साल अब तक 170 से ज्यादा लोग आकाशीय बिजली की वजह से अपनी जान गंवा चुके हैं। बीते कुछ सालों में राज्य में ठनका गिरने की घटनाएं बढ़ी हैं।
जानकारी के मुताबिक शनिवार को सारण जिले के मढ़ौरा और दरियापुर में खराब मौसम की वजह से अलग-अलग जगहों पर ठनका गिरा। इसकी चपेट में आने से दो किसान, एक मजदूर, एक युवक और एक छात्र की मौत हो गई।
पहली घटना मोहम्मदपुर गांव में हुई। जहां कुछ लोग दोपहर में बरगद के पेड़ के नीचे आराम कर रहे थे, तभी अचानक मौसम खराब हुआ और पेड़ पर आकाशीय बिजली गिर गई। इसकी चपेट में आने से तीन लोगों की जान चली गई।
वहीं, दरियापुर इलाके के बनवारीपुर में कर्कट के शेड पर शाम में ठनका गिरने से एक युवक और एक आठवीं के छात्र की मौत हो गई।
मुजफ्फरपुर जिले के पारू थाना इलाके के दो गावों में शनिवार शाम ठनका गिरा। इससे एक बच्ची और एक महिला की जान चली गई। दोनों कमलपुर मठिया गांव की रहने वाली थीं।
दो महीने में 84 लोगों की मौत
बिहार में ठनका गिरने की वजह से इस साल अब तक 170 लोगों की जान जा चुकी है। इनमें से 84 मौतें सिर्फ जून और जुलाई महीने में हुई हैं। पिछले साल भी 280 लोगों को वज्रपात की वजह से अपनी जान गंवानी पड़ी थी। वहीं, 2020 में सर्वाधिक 459 लोगों की वज्रपात से मौत हुई थी।