गुरुग्राम में एक वकील को झूठे मामले में फंसाने की धमकी देकर कथित तौर पर नौ लाख रुपये की रंगदारी वसूलने के आरोप में तीन पुलिस कर्मियों को गिरफ्तार किया गया, जबकि तीन अब भी फरार हैं। गिरफ्तार किए गए तीनों पुलिस कर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है और उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है।
अधिकारियों ने रविवार को बताया कि गिरफ्तार पुलिस कर्मियों की पहचान कॉन्स्टेबल संदीप डागर, नीतू और विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) आनंद कुमार के रूप में हुई है। तीनों को सदर थाना क्षेत्र में तैनात किया गया था। इन तीनों के साथ शामिल तीन अन्य लोग फिलहाल फरार हैं।
अधिकारी के मुताबिक, शिकायतकर्ता वकील ने बताया कि शुक्रवार की रात तीनों ने उन्हें एक होटल के बाहर बुलाया और एक कार में बैठने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि कार के अंदर पुलिस कर्मियों ने उन्हें झूठे मामले में फंसाने के साथ-साथ जान से मारने की धमकी भी दी थी। वकील ने बताया कि नौ लाख रुपये देने के बाद उन्होंने मुझे जाने दिया। अगले दिन मैं पुलिस के पास गया और इसकी शिकायत दर्ज कराई।
शिकायत के बाद सदर थाने में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा-387 (जबरन वसूली), 506 (आपराधिक धमकी), और 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत सभी छह आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
सहायक पुलिस आयुक्त संजीव बल्हारा ने कहा कि प्रारंभिक जांच में सामने आया कि पूरे प्रकरण में आरोपी पुलिस कर्मियों की संदिग्ध भूमिका है। एफआईआर दर्ज करने के तुरंत बाद तीनों पुलिस कर्मियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्हें सस्पेंड करने के बाद एक विभाग जांच भी शुरू की गई।
उन्होंने कहा कि जबरन वसूली में तीन अन्य आरोपी भी शामिल थे, जो अभी फरार हैं। हमारी विशेष टीम ने उन्हें पकड़ने के लिए छापेमारी शुरू कर दी है और उन्हें भी जल्द से जल्द पकड़ लिया जाएगा।