चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने फोन पर बातचीत के दौरान अपने अमेरिकी समकक्ष जो बाइडेन को ताइवान को लेकर उसके मामले में हस्तक्षेप करने के खिलाफ चेतावनी दी। ताइवान स्वशासित द्वीप है जिसे चीन अपना हिस्सा मानता है। शी और बाइडेन के बीच गुरुवार को फोन पर तीन घंटे हुई बातचीत की जानकारी देते हुए चीन सरकार ने बताया कि शी ने देश की दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं को विभाजित किए जाने के खिलाफ भी सचेत किया।
व्यवसायियों एवं अर्थशास्त्रियों का कहना है कि चीनी औद्योगिक नीतियों और प्रौद्योगिकी निर्यात पर अमेरिकी प्रतिबंधों द्वारा लाए एक बदलाव नवाचार को धीमा करके और लागत में बढ़ोतरी करके वैश्विक अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इस बीच, अमेरिका के एक अधिकारी ने अपनी पहचान गोपनीय रखे जाने की शर्त पर बताया कि शी और बाइडेन व्यक्तिगत रूप से मुलाकात करने की संभावना तलाश रहे हैं। शी को जी20 देशों की बैठक के लिए नवंबर में इंडोनेशिया आमंत्रित किया गया है और इसी दौरान दोनों नेताओं के बीच सामने-सामने की मुलाकात होने की संभावना है।
आग से खेलने वाले लोग स्वयं जलकर खाक हो जाएंगे
चीन सरकार ने इस बात का कोई संकेत नहीं दिया किया कि क्या शी और बाइडेन ने अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी की ताइवान की संभावित यात्रा पर चर्चा की या नहीं, लेकिन शी ने ऐसी बाहरी ताकतों के हस्तक्षेप को खारिज कर दिया, जो ताइवान को अपनी दशकों पुरानी स्वतंत्रता को स्थायी बनाने की कोशिश करने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है। बयान में कहा गया, चीन की राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करना 1.4 अरब से अधिक चीनी लोगों की दृढ़ इच्छा है। आग से खेलने वाले लोग स्वयं जलकर खाक हो जाएंगे।
पेलोसी की यात्रा को लेकर भी बोला था हमला
शी का यह कड़ा बयान संकेत देता है कि चीनी नेताओं का संभवत: यह मानना है कि वाशिंगटन को ताइवान को लेकर पहले दी गई चीन की चेतावनियों की गंभीरता समझ नहीं आई है। इससे पहले, चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने बुधवार को पेलोसी की प्रस्तावित ताइवान यात्रा को लेकर चेतावनी दोहराई। पेलोसी अगर ताइवान की यात्रा करती हैं तो 1997 के बाद किसी शीर्ष अमेरिकी निर्वाचित प्रतिनिधि की इस द्वीपीय देश की पहली यात्रा होगी।