कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी यूपी में एक बड़ा प्रयोग कर सकती हैं। संगठन निर्माण के लिए नया फार्मूला तय किया जा रहा है।पार्टी एक प्रदेश अध्यक्ष के साथ छह कार्यकारी अध्यक्ष बना सकती है। बीते दिनों पार्टी ने यूपी को छह जोन में बांटते हुए सचिवों को प्रभारी बनाया है।
अभी तक कई राज्यों में पार्टी एक प्रदेश अध्यक्ष के साथ चार कार्यकारी अध्यक्ष देती आई है लेकिन यूपी बड़ा राज्य है इसलिए यहां छह कार्यकारी अध्यक्षों की तैनाती हो सकती है। कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि लोकसभा चुनाव 2024 को साधने के लिए पार्टी सटीक रणनीति के साथ मैदान में उतरेगी। इसके लिए अलग-अलग जोन के अध्यक्ष होने से जनता के साथ जुड़ाव बढ़ाने के साथ कार्यकर्ताओं का बिखराव रोका जा सकेगा।
प्रदेश अध्यक्ष की रेस में निर्मल खत्री, पीएल पुनिया, राजेश मिश्र के नाम आगे चल रहे थे। लेकिन इनमें से दो नेता अपने स्तर से ही प्रदेश अध्यक्ष बनने में इच्छुक नहीं है। सूत्रों के मुताबिक, पार्टी के कार्यकारी अध्यक्षों के लिए वीरेन्द्र चौधरी, नसीमुद्दीन सिद्दीकी, योगेश दीक्षित, तनुज पुनिया, अखिलेश प्रताप सिंह समेत दस नाम राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेजे गए हैं। जोन के सचिव पार्टी के कार्यकारी अध्यक्षों को मदद करेंगे।
कार्यकारी अध्यक्ष बनाने के पीछे पार्टी जमीनी स्तर तक अपनी पैठ बनाने की मंशा है। नव संकल्प शिविर में लखनऊ आई पार्टी महासचिव व यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने मंच से यह बात स्वीकारी थी कि जनता से जुड़ाव न हो पाने और जनता तक तक अपनी बात न पहुंचा पाने के कारण ही विधानसभा चुनाव में पार्टी इतनी बुरी तरह हारी। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि हमने संगठन और अपने कार्यक्रमों में बदलाव तो किया लेकिन जनता से नहीं जुड़ पाए।