राजधानी दिल्ली में गुरुवार सुबह वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में पहुंच गई और इसके पीछे पराली जलाने के मामलों में वृद्धि और प्रतिकूल मौसम के कारण और खराब होने की आशंका है। दिल्ली में सुबह नौ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 201 रहा, जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है।
केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, दिल्ली में 29 जून के बाद बुधवार को वायु गुणवत्ता पहली बार ‘खराब’ श्रेणी में पहुंची थी। सीपीसीबी के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में पीएम10 का स्तर बुधवार शाम 234 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया। सौ क्यूबिक मीटर से कम पीएम10 स्तर को सुरक्षित माना जाता है।
वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान एवं अनुसंधान प्रणाली (सफर) ने कहा कि पीएम 10 के बजाय अब पीएम 2.5 मुख्य प्रदूषक बन रहा है। उसने कहा कि सतही हवाएं रात में शांत रही और इसके अगले दो दिनों तक ऐसे ही स्थिति रहने का अनुमान है। एक्यूआई के 10 अक्टूबर तक और खराब होने का अनुमान है। सफर ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषकों के एकत्र होने के लिए स्थानीय परिस्थितियां और हवा की दिशा अनुकूल है।
पंजाब सरकार के आंकड़ों के अनुसार, बुधवार को राज्य में पराली जलाने के 169 मामले सामने आए। अभी तक इस सीजन में पराली जलाने के कुल 1,692 से अधिक मामले सामने आए हैं। वहीं हरियाणा के अधिकारियों ने बताया कि अभी तक पराली जलाने के 526 मामले सामने आए हैं। इस बीच, दिल्ली में बृहस्पतिवार सुबह न्यूनतम तापमान 19.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
उल्लेखनीय है कि 0 से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है।