समाजवादी पार्टी ने ओपी राजभर के नाम चिट्ठी जारी करते हुए लिखा था- ‘ओम प्रकाश राजभर जी, समाजवादी पार्टी लगातार भाजपा के खिलाफ लड़ रही है। आपका भाजपा के साथ गठजोड़ है और लगातार भाजपा को मजबूत करने का काम कर रहे हैं। अगर आपको लगता है, कहीं ज्यादा सम्मान मिलेगा तो वहां जाने के लिए आप स्वतंत्र हैं।’ इस चिट्ठी को लेकर राजभर ने कहा था- हमें तलाक मंजूर है। इस बारे में ओपी राजभर के बेटे ने भी कहा था कि धन्यवाद है समाजवादी पार्टी, अखिलेश यादव जी को धन्यवाद है… फिर मिलेंगे चलते चलते।
सपा से बात बिगड़ने के बाद राजभर ने दलितों और पिछड़ों का मुद्दा उठाते हुए बसपा से नजदीकी बढ़ाने की कोशिश की। उन्होंने मायावती और बसपा की तारीफ भी की लेकिन बसपा की तरफ से भी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। उल्टा मायावती के भतीजे और बसपा के नेशनल कॉर्डिनेटर आकाश आनंद ने ट्वीट कर इशारों ही इशारों में राजभर पर निशाना साधते हुए लिखा- यूपी की पूर्व सीएम मायावती के शासन, प्रशासन, अनुशासन की पूरी दुनिया तारीफ करती है। कुछ अवसरवादी लोग बहनजी के नाम के सहारे अपनी राजनीतिक दुकान चलाने की कोशिश करते हैं। ऐसे स्वार्थी लोगों से सावधान रहने की जरूरत है। फिलहाल राजभर ना इधर के हैं ना उधर के हैं बल्कि बीच मझधार में फंसे हुए हैं।