देहरादून में बैठकर देश के लोगों से ठगी कर रहे दो फर्जी कॉल सेंटरों का एसटीएफ ने भंडाफोड़ किया। इन सेंटरों से लोगों को मोबाइल टावर लगवाने और ऑनलाइन लोन देने का झांसा देकर ठगी की जा रही थी। प्रधानमंत्री योजना से जुड़े लोन दिलाने का झांसा देकर भी यह गैंग ठगी कर रहा था। दोनों ही स्थानों से दो महिलाओं समेत पांच लोग गिरफ्तार किए गए। इस गैंग में शामिल बाकी लोगों की भी तलाश की जा रही है। इससे पहले, रविवार को एसटीएफ ने न्यू रोड पर विदेशियों को ठगने वाला कॉल सेंटर पकड़ा था।
आधार कार्ड से लोन दिलाने के नाम पर कर रहे थे धोखाधड़ी
एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि गोपनीय सूचना पर अनुराग चौक स्थित एक कॉम्प्लेक्स में छापा मारा गया। यहां रेस्टोरेंट के ऊपर कोचिंग सेंटर का बोर्ड लगाकर अंदर दफ्तर चल रहा था। दो युवक लैपटॉप पर काम करते मिले। टीम को देखते ही वे भागने का प्रयास करने लगे।
दोनों को मौके से गिरफ्तार कर लिया गया। इनकी पहचान दीपक राज शर्मा और विकास उर्फ रामभजन निवासी सुल्तानपुर के रूप में हुई। तीसरा आरोपी सोहित निवासी धामपुर बिजनौर यूपी भाग निकला। यह गैंग लोगों को प्रधानमंत्री योजना में आधार कार्ड पर लोन दिलाने के नाम पर ठग रहा था।
आम लोगों से इस तरह कर रहे थे ठगी
आरोपियों ने बताया कि उन्होंने बल्क मैसेज सर्विस ली थी। वे अलग अलग नंबरों से लोगों को लोन के मैसेज भेजते थे। इसके बाद लोगों से दस्तावेज मंगाए जाते थे। रजिस्ट्रेशन के नाम पर शुरुआत में 600 रुपये लिए जाते। एक हजार रुपये इंश्योरेंस के नाम पर जमा कराए जाते थे।
10 से 15 हजार रुपये सर्विस टैक्स और 10 हजार रुपये सिक्योरिटी मनी मांगी जाती थी। 10 से 15 हजार रुपये फर्जी खाते में जमा कराए जाते थे। इसके बाद 10 दिन का समय मांगा जाता था। दो-तीन दिन फोन रिसीव करते थे। फिर फोन बंद कर देते थे। इस तरह लोगों से 50 से 60 हजार रुपये जमा करा लिए जाते थे।
साठ से 70 लाख रुपये ठगे
रेस्टोरेंट के ऊपर चल रहे सेंटर में 12 युवतियां भी काम करती थीं। कार्रवाई की भनक लगने पर वे सामान छोड़ भाग निकलीं। इन सबने सात-आठ माह में लोगों से तकरीबन 60 से 70 लाख ठगे। पीड़ितों का नाम पता करने के लिए भी फोन नंबरों की जांच की जा रही है।
टावर लगवाने, लोन दिलाने का झांसा दिया
एसटीएफ की टीम पटेलनगर के वन विहार स्थित एक मकान में भी पहुंची। यहां से एक युवक और दो महिलाओं को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में इन्होंने अपने नाम ऋषिपाल निवासी धामपुर बिजनौर यूपी, आफरीन उर्फ अलविरा खान निवासी वन विहार शिमला बाईपास रोड दून और समायरा उर्फ इकरा परवीन निवासी मुस्लिम कॉलोनी सहारनपुर चौक दून बताए।
इनसे 11 मोबाइल फोन, लैपटॉप, 10 डेबिट कार्ड, 12 हजार रुपये और 12 रजिस्टर (हजारों लोगों के नाम एवं मोबाइल नंबर लिखे हुए) मिले। आरोपियों ने बताया कि वे बल्क मैसेज सर्विस से लोगों को मैसेज भेजते थे। इसके बाद लोग उनसे संपर्क करते थे। किसी को मोबाइल टावर लगवाने का झांसा देते थे तो किसी को लोन दिलाने के नाम पर विभिन्न मदों में शुल्क लेकर ठगते थे।