चीनी मांझे का कहर मौर्या इंक्लेव के बाद मालवीय नगर इलाके में भी देखने को मिला। दस साल का बच्चा चीनी मांझे से पतंग उड़ाते समय बिजली की तारों की चपेट में आ गया। इसकी वजह से वह बुरी तरह झुलस गया। घटना मंगलवार दोपहर की है। फिलहाल बच्चे का एम्स ट्रामा सेंटर में इलाज चल रहा है, जहां उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है। पुलिस एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच कर रही है।
बता दें कि चीनी मांझे में 5 तरह के केमिकल और कई धातुओं का प्रयोग होता है। अल्युमिनियम ऑक्साइड और लेड का इस्तेमाल किया जाता है। यह सभी चीजें मिक्स होकर तेज धार वाला ऐसा चाइनीज मांझा बनाती हैं, जिसे कोई नहीं काट सकता। मेटल युक्त होने के कारण इसमें बिजली का करंट आने का खतरा होता है।
जानकारी के अनुसार दस वर्षीय नीरज झा (परिवर्तित नाम) परिवार सहित खिड़की गांव में रहता है। वह कक्षा चार का छात्र है। परिवार में पिता नरेश और मां लक्ष्मी हैं। माता पिता मंगलवार को काम पर गए थे। नीरज पतंग उड़ाने के लिए दोस्तों के साथ बाहर आ गया। इलाके में तीन मंजिला इमारत है, जिसके निर्माण पर एमसीडी ने प्रतिबंध लगा रखा है। नीरज इसी इमारत की छत पर पतंग उड़ा रहा था। तभी पतंग का मांझा बिजली के तारों में उलझ गया और नीरज करंट की चपेट में आने से झुलस गया। तारों में तेज धमाके की आवाज सुनकर लोग जमा हो गए। उन्होंने बच्चे को मदन मोहन मालवीय अस्पताल में भर्ती कराया। पुलिस और परिजनों को घटना की सूचना दी गई।
तीस फीसदी जला शरीर
बच्चे के शरीर का करीब तीस फीसदी हिस्सा जल गया था। ऐसे में उसे एम्स ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया गया। फिलहाल बच्चे की हालत स्थिर बताई जा रही है। पुलिस ने एफआईआर दर्ज जांच शुरू कर दी है। साथ ही पुलिस पता लगा रही है कि बच्चे ने मांझा कहां से खरीदा था।
चाइनीज मांझे को लेकर ये हैं नियम
दिल्ली पर्यावरण विभाग ने 10 जनवरी, 2017 को नोटिफिकेशन जारी किया था। इसके तहत राजधानी में पतंग उड़ाने के लिए नायलॉन, प्लास्टिक और अन्य तरह के सिंथेटिक सामान से तैयार मांझों की बिक्री, उत्पादन, स्टोरेज, सप्लाई और उसे आयात करने पर पूरी तरह बैन लगाया गया था। इसके अलावा पतंग उड़ाने के लिए कांच, मेटल या अन्य शार्प चीजों से तैयार मांझों पर रोक है। पतंग उड़ाने के लिए सूती मांझों का इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन सूती मांझों में किसी भी तरह का शार्प मेटल, कांच, चिपचिपा पदार्थ आदि का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।
बाइक सवार के गले में लिपटा था दो तरह का मांझा
बुलेट पर जा रहे सुमित रंगा के गले में दो तरह का मांझा लिपटा हुआ था। इसमें एक चीनी मांझा था और दूसरा सामान्य। पुलिस को शव और बाइक की जांच में दोनों तरह के मांझे मिले हैं। वहीं मौर्या एन्क्लेव पुलिस दो टीम बनाकर इलाके में चीनी मांझों की बिक्री को
रोकने के लिए अभियान चला रही है।
सुमित के गले में फंसा एक मांझा सूत का बना था जो आसानी से टूट जा रहा था। वहीं दूसरा चीनी मांझा था। माना जा रहा है कि यही चीनी मांझा सुमित की मौत का कारण बना था। गौरतलब है कि सोमवार रात को बुलेट से अपने घर जा रहे सुमित रंगा का गला चीनी मांझे की चपेट में आने से कट गया था। इस घटना में 32 वर्षीय सुमित की अस्पताल में मौत हो गई थी। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि चीनी मांझे की बिक्री रोकने के लिए आसपास के इलाके में छापेमारी भी की जा रही है।
पसरा रहा सन्नाटा
अवंतिका इलाके में सुमित रंगा के घर एवं इसके आसपास बुधवार को भी सन्नाटा पसरा रहा। इस हादसे के बाद सभी सदमे में हैं। बुधवार को परिचितों एवं रिश्तेदारों का आना जाना जारी रहा। परिजन इस हादसे केजिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग कर रहे थे।
चिंताजनक : मेट्रो की रफ्तार भी रोक चुका है मांझा
चाइनीज मांझा दिल्ली मेट्रो की रफ्तार को भी झटका देता है। मांझे का मेटल जब मेट्रो की हाईटेंशन तारों के संपर्क में आता है तो नुकसान पहुंचता है। ज्यादातर अगस्त व सितंबर के माह में पतंगबाजी के चलते चाइनीज मांझे से यह परेशानी आती है। आखिरी बार वर्ष 2019 में मांझे की वजह से मेट्रो तीन बार रुकी थी। 22 मार्च, 15 अगस्त और फिर 16 सितंबर 2019 को मांझा मेट्रो के बिजली के तार के संपर्क में आया तो ओवर हेड इलेक्टि्क लाइन (ओएचई) में समस्या आई। मेट्रो प्रत्येक वर्ष अगस्त माह में लोगों से मेट्रो लाइन के आस-पास पतंगबाजी नहीं करने की अपील भी करता है। मेट्रो की मानें तो इससे लोगों की जान का भी खतरा रहता है। अगर चाइनीज मांझा 25 केवी की लाइन के संपर्क में आया तो पतंग उड़ाने वाला बुरी तरह झुलस सकता है।
हजारों घरों की बत्ती गुल कर सकता है
चाइनीज मांझे को लेकर बिजली कंपनी के प्रवक्ता का कहना है कि इससे अगर 66 या 35 केवी की एक लाइन ट्रिप हुई तो करीब ढाई हजार घरों में बिजली गुल हो सकती है।
अवैध कॉलोनियों में बिक्री
दिल्ली की अवैध कॉलोनियों में मांझे की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है। तिलक नगर, पटेल नगर, विकासपुरी, जनकपुरी, मायापुरी, शादीपुर, अलीपुर, नरेला, मुंडका, बवाना, कंझावला, किराड़ी, बेगमपुर, प्रेम नगर, मंगोलपुरी, सुल्तानपुरी जैसे इलाकों में चाइनीज मांझे की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है। खरीद-बिक्री के लिए दुकानदार और खरीदार, दोनों ने ही कोड वर्ड भी इजाद कर लिए हैं।
छापेमारी भी बेअसर
मांझे की चोरी-छिपे सेल को रोकने के लिए रेवेन्यू डिपार्टमेंट, फॉरेस्ट, दिल्ली पुलिस और सिविक एजेंसियों के अधिकारी, दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ,सब डिविजनल मजिस्ट्रेट कार्रवाई करते हैं, लेकिन यह बेअसर साबित हो रही है।
हादसों से भी नहीं चेत रहे
25 जुलाई, 2022: दिल्ली के हैदरपुर फ्लाई ओवर इलाके में चीनी मांझे की चपेट में आने से बाइक सवार की गर्दन कट गई, जिससे उसकी मौत हो गई।
15 अगस्त,2019: पश्चिम विहार ईस्ट इलाके में गुरुवार दोपहर को चीनी मांझे की चपेट में आने से स्कूटी सवार 22 वर्षीय एक सिविल इंजीनियर की मौत हो गई।
02 अप्रैल,2019: दिल्ली के तिमारपुर इलाके मांझे की चपेट में आने से बाइक सवार युवक का गला कट गया। अस्पताल में इलाज के दौरान युवक की मौत हो गई।
19 जुलाई, 2018: दिल्ली के सोनिया विहार इलाके में पतंग उड़ाने के दौरान हाईटेंशन तार की चपेट में आने से एक नाबालिग सहित दो लोग झुलस गए।
18 जुलाई, 2018: लक्ष्मी नगर इलाके में मैनेजमेंट के एक छात्र का गला मांझा फंसने के कारण कट गया, घायल छात्र ने किसी प्रकार अपने गले मे फंसे मांझे को निकाला और अस्पताल पहुँचा।
17 अगस्त, 2016: दिल्ली के रानीबाग इलाके में 3 साल की बच्ची की पतंग का मांझा लगने से दर्दनाक मौत हो गई। बच्ची अपने परिवार के कहीं सेलौट रही थी तभी, तभी वह मांझे की चपेट में आई।
17 अगस्त, 2016: पुरानी दिल्ली में बाइक सवार युवक की गर्दन मांझे में फंस गई। उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।