बिहार के गया से शर्मसार करने का मामला सामने आया है। यहां मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में स्टाफ की लापरवाही के चलते शव को चूहों ने कुतर दिया। ड्यूटी पर तैनात हेल्थ मैनेजर ने एक शख्स की मौत के बाद शव को मोर्चरी में रखने के बजाय इमरजेंसी की सीढ़ियों के नीचे ही रखवा दिया। इस कारण शव के अंगों को चूहों ने रात में कुतर दिया। मेडिकल अधीक्षक ने जांच के आदेश देकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा है।
गया के मगध मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक गोपाल कृष्ण ने ड्यूटी पर तैनात रहे हेल्थ मैनेजर आसिफ अहमद को 24 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही पूछा कि क्यों न उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया जाए।
उन्होंने बताया कि नवादा जिले के रहने वाले रामजी तिवारी की मौत 24 जुलाई को इलाज के दौरान इमरजेंसी वार्ड में हो गई थी। इसके बाद उसका शव परिजन को सौंपा गया। मगर परिजनों ने स्टाफ से कहा कि वह शव को सुबह ले जाएंगे। इस दौरान ड्यूटी पर तैनात हेल्थ मैनेजर आसिफ अहमद ने शव को मोर्चरी में ना रखकर इमरजेंसी के सीढ़ी के नीचे रखवा दिया। इस शव के कुछ अंगों को चूहों ने कुतर दिया।
बताया जा रहा है कि पहले इस मामले को अस्पताल प्रशासन ने दबाने की कोशिश की। मगर परिजन के हंगामे के बाद यह मामला सामने आ गया। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि यह बहुत ही गंभीर है।
परिजन को नहीं मिला शव वाहन
जानकारी के मुताबिक रामजी तिवारी की मौत के बाद परिजन ने शव को ले जाने के लिए अस्पताल प्रशासन से शव वाहन मुहैया करने के लिए कहा। मगर ड्यूटी पर तैनात हेल्थ मैनेजर विभा कुमारी ने परिजन को गाड़ी उपलब्ध नहीं कराई। मगध मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक ने लापरवाही के आरोप में विभा कुमारी पर भी एक्शन लिया है। उसका 10 दिन का वेतन काटा गया है। साथ ही 24 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
डॉ. गोपाल कृष्ण का कहना है कि कर्मचारियों की लापरवाही के कारण ऐसी घटना घटी है जिससे अस्पताल की छवि खराब होती है। इस घटनाक्रम में जांच के दौरान जो भी कर्मी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। चतुर्थवर्गीय कर्मी से लेकर चिकित्सक तक अपने कार्यों के प्रति ईमानदारी बरतें और इस तरह की घटना आगे न हो इसका ख्याल रखें।