मध्य प्रदेश कांग्रेस को शुक्रवार को जब यह जानकारी मिली कि उसके 17 विधायकों ने 18 जुलाई को हुए चुनाव में एनडीए राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में वोट किया था, तो वह हैरान रह गई। सूबे में कांग्रेस के 96 विधायक हैं, वहीं यूपीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को सिर्फ 79 वोट मिले। दूसरी ओर द्रौपदी मुर्मु को 146 वोट मिले, जोकि सूबे में एनडीए की ताकत से 16 वोट ज्यादा हैं। चुनाव में पांच वोट रद्द किए गए।
आपको बता दें कि क्रॉस वोटिंग मध्य प्रदेश कांग्रेस को हमेशा से बड़ा झटका देती आई है। मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के विद्रोह के बाद 26 विधायक भाजपा के साथ चले गए थे, जिसके बाद 15 महीने की कमलनाथ सरकार गिर गई थी। आखिर क्या वजह है कि कांग्रेस विधायक, पार्टी लाइन से इतर चले जाते हैं, इस मुद्दे पर प्रदेश कार्यालय ने शुक्रवार को पूरे दिन चुप्पी साधे रखी। पार्टी इसलिए भी दुविधा में है क्योंकि यह पता लगाने का कोई तरीका नहीं है कि पार्टी के निर्देश के खिलाफ कौन गया। प्रदेश कांग्रेस इस दावे से सहमत नहीं है कि पार्टी के कुछ आदिवासी विधायकों ने पहली आदिवासी राष्ट्रपति को चुनने के लिए अपने समुदाय के प्रति एकजुटता दिखाई होगी।
कांग्रेस में खत्म नहीं हो रही गुटबाजी
पार्टी के सूत्रों ने कहा, ‘क्रॉस वोटिंग करने वाला कोई भी हो सकता है। ऐसा करने वाले सोच रहे होंगे कि यदि आदिवासी विधायकों को क्रॉस वोटिंग के लिए दोषी ठहराया जाता है, तो वे बच जाएंगे।’ एक अन्य सूत्र ने कहा, ‘पार्टी के भीतर इतनी गुटबाजी है कि एक खेमा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में कमलनाथ की छवि को खराब करना चाहता है।’
कांग्रेस विधायक ने लगाए थे खरीद फरोख्त के आरोप
इससे पहले 14 जुलाई को यूपीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार और पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा कांग्रेस विधायकों से वोट मांगने के लिए भोपाल में थे। इस दौरान बैठक में कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री उमंग सिंघार ने दावा किया था कि उन्हें राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार को वोट देने के लिए खरीद फरोख्त हो रही है। हालांकि प्रदेश भाजपा ने इस आरोप को खारिज किया है।
सीएम शिवराज ने कहा शुक्रिया
दूसरी ओर चुनावी नतीजे आने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भाजपा के अलावा प्रदेश के उन सभी विधायकों को जिन्होंने अपनी अंतरात्मा की आवाज पर मुर्मू को राष्ट्रपति चुनने के लिए वोट किया है, उन सभी का वह हृदय से धन्यवाद करते हैं।
नरोत्तम मिश्रा बोले- कमलनाथ ने बताया था बिकाऊ, इसलिए…
वहीं प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कांग्रेस विधायकों के ईमान पर सवाल उठाकर उन्हें बिकाऊ बता दिया था, इसलिए उन्होंने अंतरात्मा की आवाज पर क्रॉस वोटिंग कर दी। मिश्रा ने ट्वीट कर कहा, ‘राष्ट्रपति चुनाव में कमलनाथ ने कांग्रेस विधायकों के ईमान पर सवाल उठाकर उनको बिकाऊ बता दिया था। इसलिए अंतरात्मा की आवाज पर कांग्रेस विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर दी। जर्जर होती कांग्रेस में यह आखिरी कील थी। कमलनाथ को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।’