राजस्थान में अलवर जिले के बहरोड़ थाना क्षेत्र के गांव जखराना में पिछले पांच दिन से बोरवेल में गिरे एक अधेड़ व्यक्ति के शव को रविवार को टुकड़े के रूप में अंग निकालकर अंतिम संस्कार किया गया। सूत्रों के अनुसार बोकी (बोरिंग खोदने के लिए पानी का प्रेशर डालकर मिट्टी निकालने वाली मशीन) लगाकर शरीर के 10 से 12 विभिन्न अंग बाहर निकाले गए। तहसीलदार द्वारका प्रसाद तिवारी ने बताया कि शव से निकले हुए शरीर के अंग में घुटने की हड्डी, सिर के बाल, त्वचा, हाथ का पंजा, उंगलियां, लिवर, पेट की आंत सहित विभिन्न अंग बाहर निकाले गए हैं। इन अंगों को बाल्टी में भरकर परिजनों को सुपुर्द किया गया, लेकिन सज्जन सिंह 55 के शव को पूरा नहीं निकाला जा सका।
गौरतलब है कि गत 19 जुलाई से सज्जन सिंह अपने घर से लापता था और 21 जुलाई को परिजनों को तलाश करते हुए सज्जन सिंह की बॉडी बोरवेल में मिली। 20 जुलाई को बेटे संदीप ने थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। परिजनों एवं ग्रामीणों ने पुलिस को सज्जन सिंह के बोरवेल में पड़े होने की सूचना दी। थानाधिकारी वीरेंद्र पाल मौके पर पहुंचे। जहां बोरवेल के ऊपर लोहे का जाल हटा हुआ था और सज्जन सिंह के मोबाइल का कवर मिला। उसकी सूचना सिविल डिफेंस और एसडीआरएफ को दी गई। अलवर से दोपहर बाद सिविल डिफेंस के 10 एवं एसडीआरएफ के 10 सदस्यों की टीम पहुंची। दोनों टीमों ने 22 जुलाई को सुबह से लेकर शाम तक प्रयास किए, लेकिन शव को बाहर नहीं निकाला जा सका।
टुकड़ों में निकाला गया शव
बार-बार प्रयास से शव के ऊपर मिट्टी जा गिरी। जिसे साफ करने के लिए पानी डाला, तो पानी नीचे नहीं गया और कीचड़ हो गई। शुक्रवार दोपहर को ही एनडीआरएफ को सूचना दे दी गई। शुक्रवार की रात को ही अजमेर से चलकर एनडीआरएफ की 14 सदस्यों की टीम रात 11 बजे पहुंची। शनिवार सुबह आठ बजे से शव को निकालने के प्रयास लगातार किए गए, लेकिन शव को बाहर नहीं निकाला जा सका। सज्जन सिंह के परिजनों और ग्रामीणों ने प्रशासनिक अधिकारियों को एक मेजर नामा पेश किया। जिसमें कहा गया कि अगर पूरा शव नहीं निकल पा रहा, तो उसके कुछ अवशेष ही बाहर निकाल दिए जाएं, जिससे वे अंतिम संस्कार कर अपनी प्रक्रिया को पूरी कर सके। इस पर सज्जन सिंह के शव के टुकड़े के रूप में अंग निकाले गए।
रविवार को हुआ अंतिम संस्कार
इसके बाद परिजनों ने रविवार को सुबह सज्जन सिंह के शरीर के अंगों का अंतिम संस्कार किया गया। मौके पर मौजूद डॉक्टर ने डीएनए टेस्ट के लिए अंगों के सैंपल लिए। जिसके बाद ऑपरेशन बंद हुआ। सज्जन सिंह के परिजनों के संतुष्ट होने के बाद रात करीब 12 बजे पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी संसाधनों को लेकर वापस लौटे।