लखनऊ में एक दिन पहले तहसील समाधान दिवस में नायब तहसीलदार पर अमर्यादित टिप्पणी का विरोध शुरू हो गया है। राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार स्वाति सिंह ने नायब तहसीलदार मनीष त्रिपाठी को फटकारते हुए कहा था कि….तुम नायब तहसीलदार हो या गुंडा। इसके विरोध में और नायब तहसीलदार के समर्थन में वकील और राजस्व कर्मी आ गए हैं। लेखपालों ने सरोजनीनगर तहसील में सांकेतिक कार्य बहिकष्कार किया। अधिवक्ताओं ने भी मंत्री के खिलाफ नारेबाजी की और मार्च निकाला।
लेखपालों ने कहा कि सार्वजनिक रूप से नायब तहसीलदार को गुंडा कहे जाने से तहसील कर्मी आहत हैं। जन प्रतिनिधियों से ऐसे व्यवहार की अपेक्षा कतई नहीं की जा सकती है। दूसरी तरफ सरोजनीनगर तहसील बार एसोसिएशन ने भी इस मामले में नाराजगी जताई है। बार एसोसिएशन एल्डर कमेटी के चेयरमैन प्रभात शुक्ला की अध्यक्षता में बुधवार को बैठक हुई। इसमें नायब तहसीलदार कोर्ट के पीठासीन अधिकारी को गुंडा कहे जाने पर नाराजगी जताई गई। एसोसिएशन ने कहा कि न्यायालय की गरिमा बनाए रखने के लिए मंत्री के इस बयान की निन्दा की जाती है। इसके बाद तहसील के अधिवक्ता कार्य से विरत हो गए। पूरा दिन वकीलों ने कार्य नहीं किया।
भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की मंशा के अनुसार कार्य कर रही हूं – मंत्री
इस संबंध में राज्य मंत्री स्वाती सिंह ने बुधवार को बयान जारी कर अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि सरोजनीनगर में अवैध खनन की शिकायतें आ रही हैं। मंगलवार को तहसील दिवस में जनसुनवाई के दौरान वह ग्रामीणों से वार्ता कर रही थीं। वहां नायब तहसीलदार उपस्थित नहीं थे। खनन में नायब तहसीलदार मनीष त्रिपाठी की संलिप्तता की शिकायत मिल रही थी।
इस बीच कई ग्रामीणों ने कहा कि उक्त नायब तहसीलदार लाइसेंसी रिवाल्वर का प्रदर्शन कर शिकायतकर्ताओं के बीच भय का माहौल बनाते हैं। मंत्री ने कहा कि इस मामले में वह कमिश्नर से बात कर चुकी हैं। उनसे खनन की जांच कराने को भी कहा है। अवैध खनन के दोषियों के खिलाफ वह कार्रवाई चाहती हैं। प्रशासनिक अमले के भ्रष्टाचार के खिलाफ और सरकार की मंशा को पूरा करते हुए जनप्रतिनिधि के रूप में वह अपना दायित्व निभा रही हैं।