दिल्ली सरकार की आबकारी नीति को लेकर उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आमने-सामने हैं। बीजेपी ने भी सरकार पर जमकर हमला बोला है। इसी बीच शनिवार को दिल्ली बीजेपी नेता और कार्यकर्ताओं ने डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के आवास के बाहर आप सरकार की नई शराब नीति का विरोध किया। इस दौरान प्रदर्शनकारी पुलिस बैरिकेंडिंग के ऊपर चढ़कर ‘केजरीवाल हाय हाय’, ‘केजरीवाल चोर है’ जैसे नारे लगा रहे थे। दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया है।
उपराज्यपाल ने की सीबीआई जांच की सिफारिश
इससे पहले उपराज्यपाल ने आबकारी नीति के तहत शराब लाइसेंस आवंटन में धांधली के आरोपों की सीबीआई जांच कराने की सिफारिश की थी। उपराज्यपाल के फैसले पर मुख्यमंत्री ने पलटवार करते हुए कहा कि यह उपमुख्यमंत्री सह आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया को फंसाने की साजिश है। उन पर झूठा केस बनाया जा रहा है। एलजी ने शुक्रवार को मुख्य सचिव की रिपोर्ट पर सीबीआई जांच की संस्तुति की। रिपोर्ट में कहा गया है कि आबकारी नीति 2021-22 में लाइसेंस आवंटन के दौरान नियमों का उल्लंघन किया गया है। आवंटन में कई प्रक्रियात्मक खामियां छोड़ी गई हैं, जिनके कारण व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी की आशंका है। नीति का उल्लंघन कर टेंडर प्रक्रिया में अनुचित लाभ उठाया गया।
ब्लैकलिस्ट कंपनियों को दिया गया ठेका
केजरीवाल सरकार पर हमला बोलते हुए बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने सीएम पर कई तरह के आरोप लगाए। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘केजरीवाल जी ये बताएं कि 25 अक्टूबर 2021 को एक्साइज विभाग ने नोटिस दिया था उन कंपनियों को, जिनको शराब के लाइसेंस दिए गए थे। इस मामले में क्या कार्रवाई हुई? 14 जुलाई 2022 को बिना कैबिनेट नोट के जल्दबाजी में 144.36 करोड़ रुपये की छूट उन्हीं कंपनियों को बिना कानून का पालन किए क्यों दी गई? केजरीवाल प्रश्नों के उत्तर न दें यह तो नहीं चलेगा, लोकतंत्र में मतदान पर भरोसा होता है न की मद्यपान पर। ब्लैकलिस्टेड कंपनी को ठेका दिया गया। दिल्ली की जनता के साथ धोखाधड़ी हुई है।’