मध्य प्रदेश के भिंड जिले में दबंगों की दबंगई और स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते एक गर्भवती महिला की मौत हो गई। यहां सात महीने की गर्भवती के विकलांग पति एम्बुलेंस नहीं मिलने की वजह से लोडिंग वाहन में पत्नी को लहार सिविल अस्पताल लेकर पहुंचा। लेकिन इस दौरान महिला ने लोडिंग वाहन में ही एक नवजात बच्चे को जन्म दे दिया।
अस्पताल पहुंचने पर दूसरे बच्चे को जन्म देने से पहले महिला की मौत हो गई। वहीं, बाद में नवजात की भी मौत हो गई। इस घटना के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया। मौके पर पहुंची पुलिस ने महिला का पोस्टमॉर्टम कराकर मामले की जांच शुरू कर दी है। यह मामला निसार गांव का है।
महिला के पति ने कहा कि मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 181 और एम्बुलेंस नंबर 108 पर डायल करने के बावजूद उन्हें कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। उन्होंने कहा कि वे अंत में एक एम्बुलेंस को पकड़ने में कामयाब रहे, लेकिन उनके गांव के कुछ दबंग लोगों ने एम्बुलेंस के प्रवेश से इनकार कर दिया।
उन्होंने कहा, ‘फिर मैंने अपनी पत्नी को सिविल अस्पताल ले जाने के लिए एक निजी लोडिंग वाहन की व्यवस्था की। दर्द सहन करने में असमर्थ मेरे पत्नी ने अस्पताल के बाहर हमारे पहले बच्चे को जन्म दिया। पति का आरोप है कि डिलीवरी रूम में मौजूद स्टाफ ने प्रसूता को उचित उपचार न देकर कुर्सी पर बिठा दिया। महिला को लगातार प्रसव पीड़ा और ब्लीडिंग होती रही। रेखा की मौत के बाद परिजनों ने हंगामा खड़ा कर दिया। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराते हुए परिजनों को सौंप दिया।