शरीर के अंदर खुद को हील करने की क्षमता होती है। जब आपको चोट लगती है या बीमार होते हैं तो बॉडी में कुछ रिऐक्शंस होते हैं। जिसकी वजह से शरीर में इनफ्लेमेशन बढ़ जाता है। अगर ये इनफ्लेमेशन बहुत ज्यादा बढ़ जाता है तो आपको ऑटो इम्यून डिसीज हो सकती है। हमारी लाइफस्टाइल और खान-पान की गलत आदतें भी शरीर में इनफ्लेमेशन बढ़ाती हैं। जैसे अगर आप ज्यादा ड्रिंक करते हैं या स्मोकिंग करते हैं तो शरी का इनफ्लेमेशन बढ़ जाता है। थकान, पेट दर्द, जोड़ों में दर्द, बुखार वगैरह इनफ्लेमेशन के लक्षण हैं। अब एक स्टडी में सामने आया है कि कोरोना के सीवियर पेशंट को ऐंटी-इनफ्लेमेटरी दवाएं देकर उनके मौत के रिस्क को कम किया जा सकता है। यहां जानें कुछ नैचुरल सोर्स…
इनफ्लेमेशन से होती हैं ऑटो इम्यून डिसीज
आयुर्वेद डॉक्टर दीक्षा भावसार ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में इनफ्लेमेशन का जिक्र किया है। साथ ही इसका इलाज भी किचन में मौजूद चीजों में बताया है। डॉक्टर दीक्षा कहती हैं, मैं जिस भी मरीज से बात करती हूं उसको इनफ्लेमेशन की शिकायत डायरेक्टली (पेट फूलना, कब्ज, अपच, इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम) या इनडायरेक्टली (पीसीओएस, एक्जिमा, सोरायसिसि, थायरॉयड, हॉरमोन से जुड़ी दिक्कतें वगैरह) होती है। इनफ्लेमेशन ऑटो इम्यून डिसीज का सबसे बड़ा कारण है। यहां जाने कौन सी चीजें शरीर का इनफ्लेमेशन कम करती हैं।
हल्दी: हल्दी में करक्यूमिन होता है, जो कि बहुत अच्छा ऐंटी-इनफ्लेमेटरी और ऐंटी-ऑक्सीडेंट कंपोनेंट है। इसके साथ थोड़ी सी काली मिर्च डालकर आप ग्रीन टी, गरम पानी या दूध के साथ ले सकते हैं।
काली मिर्च: गले, फेफड़ों, पेट, मसल जॉइंट्स और शरीर के कई हिस्सों के लिए यह बेस्ट ऐंटी-इनफ्लेमटरी एजेंट का काम करता है।
लौंग: दांत दर्द, गले में दर्द और शरीर के कई इनफेक्शंस में लौंग बेहद फायदेमंद होती है। यह इनफ्लेमेशन है।
मेथी: मेथी न सिर्फ ऐंटी-इनफ्लेमेटरी है बल्कि इसमें ऐंटी-वायरल गुण भी होते हैं। सांस से जुड़ी समस्या होने पर आप गरम पानी में मेथी डालकर भाप ले सकते हैं।
अदरक: अदरक भी गुणों का खजाना है। जी मिचलाने से लेकर, एलर्जी वाली खांसी तक हर चीज में यह फायदा करता है। इससे पीरियड्स पेन में भी राहत मिलती है।