दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सिंगापुर नहीं जा पाएंगे। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दौरे के लिए मंजूरी देने से इनकार कर दिया है। 1 अगस्त को एक सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए अरविंद केजरीवाल सिंगापुर जाना चाहते थे। जरूरी प्रक्रिया के तहत दिल्ली सरकार ने एलजी से इसकी मंजूरी मांगी थी, लेकिन काफी दिनों से यह फाइल लंबित थी।
एलजी ऑफिस की ओर से फाइल खारिज करने को लेकर कहा गया है सिंगापुर का सम्मेलन मेयर्स का है उसमें मुख्यमंत्री के जाने का कोई औचित्य नहीं। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी लेटर लिखा था। वहीं, आम आदमी पार्टी भी लगातार यात्रा की मंजूरी की मांग कर रही थी। पार्टी की दलील थी कि केजरीवाल वहां दिल्ली में शिक्षा और स्वास्थ्य को लेकर हुए काम के बारे में बताएंगे, जिससे देश का मान बढ़ेगा।
सीधे विदेश मंत्रालय में करेंगे आवेदन: सिसोदिया
एलजी की ओर से फाइल रिजेक्ट किए जाने पर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि वह एलजी के बताए कारण से सहमत नहीं है। यह मुख्यमंत्री को व्यक्तिगत निमंत्रण है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सीधे विदेश मंत्रालय को सिंगापुर जाने के लिए आवेदन करेंगे। उन्होंने कहा कि यह गलत परंपरा की शुरुआत है।
केजरीवाल ने पीएम को लिखे लेटर में क्या कहा था?
17 जुलाई को पीएम मोदी को लिखे लेटर में केजरीवाल ने कहा था कि उन्हें सिंगापुर की सरकार ने वर्ल्ड सिटी सम्मलेन में दिल्ली मॉडल पेश करने के लिए बुलाया था। उन्होंने लिखा कि 7 जून को अनुमति के लिए पत्र लिखा था लेकिन अभी तक मंजूरी नहीं मिली है। उन्होंने कहा था कि किसी प्रदेश के मुख्यमंत्री को इतने महत्वपूर्ण मंच पर जाने से रोकना सही नहीं है। केजरीवाल ने लिखा, ”देश के भीतर हमारे राजनीतिक मतभेद हो सकेत हैं, लेकिन बाहर दुनिया के सामने हमें अपने मतभेद भूलकर केवल देशहित को सामने रखना चाहिए। जब आप गुजरात के मुख्यमंत्री थे और अमेरिका ने आपको वीजा देने से मना किया था तो पूरे देश ने अमेरिका के इस कदम की आलोचना की थी और आपका साथ दिया था। आज जब आपकी सरकार किसी मुख्यमंत्री को इतने महत्वपूर्ण मंच पर जाने से रोकती है तो यह देशहित के खिलाफ है।” उन्होंने आगे लिखा, ”सिंगापुर की सरकार ने मुझे 1 अगस्त के कार्यक्रम में भाग लेने के लिए निवेदन किया है। मेरा आपसे निवेदन है कि जल्द से जल्द इसकी अनुमति दी जाए ताकि मैं समय पर यात्रा करके देश का नाम ऊंचा कर सकूं।”