केंद्र सरकार द्वारा संचालित सफदरजंग अस्पताल के बाहर हुए प्रसव मामले में स्वास्थ्य मंत्रालय ने 48 घंटे के भीतर रिपोर्ट तलब की है। जांच रिपोर्ट आने तक अस्पताल प्रशासन ने पांच डॉक्टरों को काम करने से रोक दिया है। अस्पताल पर गर्भवती को कथित तौर पर भर्ती नहीं करने का आरोप है। हालांकि अस्पताल प्रशासन ने ऐसे आरोप से इंकार किया है।
मंगलवार को वायरल हुए वीडियो में कुछ महिलाएं प्रसव के दौरान गर्भवती महिला को साड़ी से ढककर खड़ी दिख रही हैं। मौके पर कुछ नर्सें भी नजर आ रही हैं। महिला के परिजन यह आरोप लगाते सुने गए कि अस्पताल ने सोमवार को महिला को भर्ती नहीं किया और उसने आपातकालीन विभाग के बाहर रात बितायी।
इसके जवाब में अस्पताल प्रशासन का कहना है कि मंगलवार सुबह गायनी रिसीविंग रूम में ड्यूटी पर सीनियर रेजिडेंट को आपातकालीन कक्ष के बाहर गर्भवती के प्रसव की सूचना दी गई। इस पर जीआरआर से तुरंत एक टीम भेजी गई। वर्तमान में महिला को एलआर-दो में भर्ती कराया गया है। जन्म के समय 1.4 किलोग्राम वजन होने के कारण शिशु को नर्सरी-9 में भर्ती कराया गया है। जच्चा-बच्चा दोनों की हालत स्थिर है।
महिला आयोग ने नोटिस जारी किया
महिला आयोग ने पूरे मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए सफदरजंग अस्पताल को एक नोटिस जारी कर पूरे मामले की जानकारी मांगी है। आयोग ने कहा कि 25 जुलाई तक अस्पताल अपनी रिपोर्ट सौंपे।