पूर्वी राजस्थान में पानी के लिए जनता के बीच हाहाकार मचा हुआ है, वहीं प्रदेश के कई इलाकों में अच्छी बरसात भी हो रही है। पूर्वी राजस्थान फिलहाल सूखे की चपेट में है। कहने को तो पानी संकट के दौरान जनता को जलापूर्ति करने के लिए सरकार ने जल जीवन मिशन योजना चला रखी है लेकिन जलदाय विभाग है कि पानी की कालाबाजारी में जुटा है।
जानकारी के मुताबिक, जलदाय विभाग के अधिकारी पानी की कालाबाजारी कर रहे हैं और मुनाफा कमा रहे हैं। यही वजह है कि जो पानी आम जनता तक पहुंचना चाहिए, वह नहीं पहुंच पा रहा है। जेजेएम के तहत जलदाय विभाग द्वारा ग्रामीण इलाकों में जो पानी के टैंकर भेजे जाते हैं तो अफसरों की मिली भगत से उनकी भी कालाबाजारी की जाती है। नियम के अनुसार पानी का टैंकर मोहल्ले के बीच में खड़ा कर दिया जाता है जहां से लोग पानी भरकर ले जाते हैं। मगर इसी बीच जलदाय विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से पानी के टैंकर को व्यक्ति विशेष के लिए बेच दिया जाता है।
जलदाय विभाग के अधिकारियों का घोटाला हुआ कैमरे में कैद
मामला सेवर पंचायत समिति के गांव कसौदा का है। जहां नहर के किनारे जलदाय विभाग की दो बोरिंग लगी हुई हैं। इन दो बोरिंग के जरिए पूरे गांव के लिए पानी सप्लाई किया जाता है। यह दोनों बोरिंग वहां लगे विद्युत ट्रांसफार्मर के जरिए चलती हैं। जलदाय विभाग का कर्मचारी श्याम लाल सैनी की जिम्मेदारी बोरिंग के जरिए पानी सप्लाई करना होता है लेकिन विगत रात जब गांव के लिए बोरिंग के जरिए पानी की आपूर्ति किया जाना था तो गांव में जलापूर्ति नहीं की गई। क्योंकि गांव से जलापूर्ति ठप करके वहां लगे विद्युत ट्रांसफार्मर से अवैध कनेक्शन कर उस बोरिंग से पानी की सप्लाई वहां रहने वाले एक किसान के खेतों में की जा रही थी। यह पूरा घोटाला मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने अपने मोबाइल के कैमरे में कैद कर लिया।
क्या कहना है जलदाय कर्मचारी का
जलदाय विभाग के कर्मचारी श्याम लाल सैनी ने कहा कि जलदाय विभाग की बोरिंग के ट्रांसफार्मर से किसी व्यक्ति ने अवैध कनेक्शन कर उसका उपयोग किया जा रहा था। इसकी सूचना मैंने जेईएन प्रीतम चौधरी को दे दी है।
क्या कहना है जलदाय विभाग के अधिकारी का
जलदाय विभाग के जेईएन प्रीतम चौधरी का कहना है कि विभाग के कर्मचारी द्वारा मुझे सूचना मिली थी कि किसी व्यक्ति ने हमारी बोरिंग के ट्रांसफार्मर से कनेक्शन लेकर विद्युत जलापूर्ति को ठप किया है। मेरी उस व्यक्ति विशेष से भी फोन पर बात हुई थी जिस पर उसने मुझसे कहा कि मुझसे गलती हुई है और अब दोबारा गलती नहीं होगी। यदि वह दोबारा गलती करेगा तो उसके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज की जाएगी।
क्या कहना है ग्रामीणों का
ग्रामीणों का कहना है कि जलदाय विभाग के अधिकारी और कर्मचारी मिलकर पानी की कालाबाजारी कर रहे हैं। इसके जरिए पैसा कमा रहे हैं, लिहाजा गांव में जल संकट बरकरार है।