राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओसएडी लोकेश शर्मा को फोन टैपिंग मामले में गिरफ्तारी फिलहाल राहत मिल गई है। लोकेश शर्मा की याचिका पर आज दिल्ली हाईकोर्ट में फाइनल सुनवाई टल गई। अब 29 अगस्त को फाइनल सुनवाई के बाद फैसला होगा। दिल्ली हाईकोर्ट ने लोकेश शर्मा की गिरफ्तारी पर लगी रोक को बरकरार रखा है। 29 अगस्त तक गिरफ्तारी पर रोक रहेगी। जस्टिस जसमीत सिंह की बेंच में सुनवाई होनी थी।
केंद्रीय मंत्री शेखावत ने दर्ज कराया था केस
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की शिकायत के बाद 26 मार्च 2021 को दिल्ली क्राइम ब्रांच ने फोन टैपिंग को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी और पुलिस अफसरों के खिलाफ केस दर्ज किया था। लोकेश शर्मा ने इसके खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर एफआईआर खारिज करने की मांग की थी। दिल्ली हाईकोर्ट में तीन बार इसकी सुनवाई हो चुकी है। 9 मई को दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए लोकेश शर्मा को जांच में सहयोग करने की शर्त पर 14 जुलाई तक गिरफ्तारी से राहत दी थी।
लोकेश शर्मा ने दे रखी ही चुनौती
लोकेश शर्मा ने राजस्थान की घटना के लिए दिल्ली में केस दर्ज करने पर क्षेत्राधिकार का सवाल उठाते हुए इसे दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दे रखी है। फिलहाल दिल्ली हाईकोर्ट ने लोकेश शर्मा की गिरफ्तारी पर रोक लगा रखी है।उल्लेखनीय है कि पिछले साल सचिन पायलट व 18 अन्य कांग्रेस विधायकों द्वारा मुख्यमंत्री गहलोत के नेतृत्व के खिलाफ बगावती तेवर अपनाए जाने के बाद कांग्रेस ने अपने विधायकों को लंबे समय तक अलग-अलग होटलों में रखा था। इसी घटनाक्रम में विधायकों सहित अन्य जनप्रतिनिधियों के फोन टैप किए जाने के आरोप लगे थे। हालांकि अधिकारियों व मुख्यमंत्री गहलोत ने खुद इसका खंडन किया। पायलट गुट के विधायक वेदप्रकाश सोलंकी ने फोन टैपिंग के आरोप लगाए थे।