दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण की गंभीरता को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) प्रदूषण स्तर कम करने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) में कई बड़े बदलाव किया है। इसके तहत अलग-अलग श्रेणी में कई प्रतिबंध लगाएं है। जिसमें निर्माण कार्य से लेकर वर्क फ्रॉम होम व दिल्ली में डीजल वाहनों के चलाने पर पाबंदी तक शामिल है। बताते चले 2017 में पर्यावरण और वन मंत्रालय द्वारा अधिसूचित ग्रैप अक्टूबर के मध्य में लागू होता है, जब दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर बिगड़ने लगता है।
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की ओर पुराने ग्रैप में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के पांच श्रेणियों (मॉडरेट से गंभीर) के तहत पाबंदी लगाने के बजाए, इसे चार श्रेणी में बांटा गया है। पहले चरण में मॉडरेट की जगह खराब रखा गया है जिसमें एक्यूआई 201-300 होगा, इसी तरह दूसरे चरण में बहुत खराब श्रेणी में एक्यूआई 301-400 होगा, तीसरे चरण में गंभीर होगा जिसमें एक्यूआई 401-450 का होगा और आखिरी चौथे चरण को ‘गंभीर से ज्यादा खराब श्रेणी में रखा गया है जिसमें एक्यूआई 450 या उसे ज्यादा होगा।
आयोग ने कहा है कि चरण दो, तीन व चार में दिल्ली एनसीआर राज्य सरकारों को प्रदूषण स्तर के आधार पर तीन पहले से अलर्ट मोड के साथ कार्रवाई करनी होगी। इससे पहले, अधिकारी तब तक इंतजार करते थे जब तक कि पीएम 2.5 या पीएम 10 तय मानकों से अधिकतम सीमा तक न पहुंच जाएं। बताते चलें कि पिछले दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट द्वारा सीएक्यूएम को दिल्ली-एनसीआर में ‘वायु प्रदूषण के खतरे का स्थायी समाधान खोजने’ के लिए आम जनता और विशेषज्ञों से सुझाव लेकर एक नीति तैयार करने को कहा गया था
जनवरी 2022 में इस समिति का गठन किया गया था। अब समिति ने सुझावों के आधार पर प्रदूषण रोकने के लिए ग्रैप में बदलाव किया है। इस नीति में उद्योगों, वाहनों, निर्माण और विध्वंस, सड़कों और खुले क्षेत्रों से धूल, नगरपालिका ठोस अपशिष्ट के कारण एनसीआर में वायु प्रदूषण को रोकने, नियंत्रित करने और कम करने के लिए केंद्र सरकार, एनसीआर राज्यों और दिल्ली की एजेंसियों और विभागों के लिए क्षेत्रवार सिफारिशें शामिल हैं।
खराब श्रेणी में जाते ही शुरू हो जाएगी पाबंदियां
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की ओर से ग्रैप को लेकर बने नई कार्ययोजना के तहत एक्यूआई के दूसरे श्रेणी में जाते ही दिल्ली एनसीआर में पाबंदियां बंद हो गई। दूसरे चरण में जब एक्यूआई 301 से ऊपर जाएगा उसपर पाबंदियां शुरू हो जाएगा। सबसे पहले रेस्तरां, खुले भोजनाओं में तंदूर व कोयले व लकड़ी जलाने पर पाबंदी लग जाएगी। जरूरी सेवाओं को छोड़कर जनरेटर पर भी पाबंदी होगी। जैसे ही एक्यूआई 400 के ऊपर जाएगा इसे गंभीर श्रेणी मानते हुए एनसीआर में निर्माण व तोड़फोड़ गतिविधियों पर पाबंदी लग जाएगी। हालांकि इस दौरान आवश्यक परियोजनाओं जैसे रेलवे, महानगरों, हवाई अड्डों, आईएसबीटी, राष्ट्रीय सुरक्षा/ राष्ट्रीय रक्षा से संबंधित परियोजनाओं पर कोई रोक लागू नहीं होगी।
डीजल वाहनों पर पाबंदी
एक्यूआई के गंभीर श्रेणी (तीसरे चरण) में आते ही निजी वाहनों पर पाबंदी लगेगी। दिल्ली एनसीआर में आने वाले राज्य सरकारें बीएस 3 श्रेणी वाले पेट्रोर और बीएस चार श्रेणी वाले डीजल के वाहनों (सिर्फ चार पहिया) पर पाबंदी लगा सकती है। बहुत गंभीर यानि आपातकाली श्रेणी जिसमें एक्यूआई 450 से ऊपर होगा उस श्रेणी में जरूरी सामानों से लदे ट्रक को छोड़कर दिल्ली में ट्रकों के प्रवेश पर रोक होगी, दिल्ली मे रजिस्टर्ड डीजल चालित हल्के व्यवसायिक वाहनों पर पाबंदी लग जाएगी। यही नहीं बीस चार श्रेणी वाले चार पहिया डीजल वाहनों के उपयोग पर भी दिल्ली और एनसीआर के सीमावर्ती जिलों में प्रतिबंध रहेगा। चौथए चरण में गंदे ईंधन पर चलने वाले उद्योगों और राजमार्गों, सड़कों, फ्लाईओवर, ओवर ब्रिज और पाइपलाइनों जैसी रैखिक सार्वजनिक परियोजनाओं पर भी प्रतिबंध लगेगा।
वर्क फ्रॉम होम से लेकर सम विषम भी हो सकता है लागू
नए ग्रैप व्यवस्था में राज्य सरकार चाहे तो प्रदूषण के गंभीर श्रेणी में पहुंचने पर सार्वजनिक, नगरपालिका और निजी कार्यालयों में 50 प्रतिशत कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति दे सकता है। शैक्षणिक संस्थान बंद करने के साथ दिल्ली एनसीआर में सम-विषम आधार पर वाहन चलाने का फैसला कर सकती है। इसके अलावा अन्य आपातकालीन उपायों पर भी विचार कर सकती है।
चरण-1
एक्यूआई- 201-300
श्रेणी- खराब
पाबंदी- कोई नहीं।
चरण-2
एक्यूआई- 301-400
श्रेणी बहुत खराब
पाबंदी
– डीजल जनरेटर पर पाबंदी (आपात सेवाएं छोड़कर)
– कोयले व लकड़ी जलाने पर पाबंदी
– होटल, रेस्टोरेंट में तंदूर व ढाबे बंद होंगे।
चरण-3
एक्यूआई- 401-450
श्रेणी- गंभीर
पाबंदी
-निर्माण पर पाबंदी सिर्फ रेलवे, मेट्रो, एयरपोर्ट आईएसबीटी राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामले व प्रदूषण नहीं फैलाने वाले काम जैसे प्लम्बिंग, इंटीरियर डिजाइन, बिजली का काम, लकड़ी का काम अन्य।
-पीएनजी व साफ ईधन से नहीं चलने वाले औद्योगिक इकाइयों को रेग्यूलेट करने होगा। सप्ताह में पांच दिन चलेंगे। अलग-अलग समय पर चलाएं जाएंगे।
-हॉट मिक्स, प्लांट, स्टोन क्रशर, ईट के भट्टे भी बंद होंगे।
-खनन से जुड़े काम बंद रहेंगे।
-एनसीआर के राज्य अपने यहां बीएस-3 व डीजल से चलने वाले वाहन (चार पहिया) पर पाबंदी लगा सकते है।
चरण-4
एक्यूआई- 450 से ऊपर
श्रेणी- बहुत गंभीर
पाबंदी
-दिल्ली में ट्रकों के प्रवेश पर पाबंदी सिर्फ जरूरी सामानों से जुड़े ट्रक को छोड़कर
-दिल्ली में रजिस्टर्ड डीजल से चालित हल्के व भारी व्यवसायिक वाहनों पर रोक, जरूरी सेवा वाले छोड़कर।
-एनसीआर से दिल्ली आने वाले बीएस 4 वाले डीजल वाहनों को चलाने पर पाबंदी। जरूरी सेवाओं से जुड़े वाहनों को छोड़कर।
-पीएनजी व साफ ईधन से नहीं चलने वाले औद्योगिक इकाइयों पर पाबंदी। सिर्फ दूध व दवाईयों से जुड़े उद्योग ही चलेंगे।
-फ्लाईओवर, हाइवे, रोड, ओवरब्रिज समेत अन्य के निर्माण पर पूरी तरह से पाबंदी।
-राज्य सरकार को फैसला लेना होगा कि वह निजी व सरकारी कार्यालयों में 50 फीसदी कर्मचारी को बुलाएं, वर्क फ्राम शुरू करें।
-राज्य सरकार अन्य कदम उठा सकती है जिसमें स्कूल, कॉलेज बंद करना, वाहनों के सम विषम व्यवस्था लागू करना व अन्य।