गुरुगाम-सोहना रोड एलिवेटेड परियोजना के निर्माण में एक-एक कर खामियां सामने आ रही हैं। 22 अगस्त को पैकेज-एक में रहेजा मॉल के पास बन रहे एलिवेटेड फ्लाईओवर का हिस्सा भर-भराकर नीचे गिर गया था। इस घटना को हुए अभी एक महीना ही बीता है। विभागीय जांच रिपोर्ट भी अभी तक नहीं आई है कि अब पैकेज दो में सोहना ढाणी के पास बन रहा फ्लाईओवर भी टूटने के कगार पर आ गया है। फ्लाईओवर का एक हिस्सा बीच में से पूरी तरह झुक गया है। निर्माणकर्ता कंपनी ने इसे गिरने से रोकने के लिए फ्लाईओवर के नीचे जैक लगाकर उठा दिया है।
सोहना ढाणी के पास पैकेज दो में करीब एक किलोमीटर लंबा फ्लाईओवर बन रहा है। निर्माण कार्य अभी पूरा भी नहीं हुआ है कि फ्लाईओवर का हिस्सा पहले ही झुक कर गिरने लगा है। निर्माण करने वाली कंपनी ने इसे गिरने से रोकने में पूरी ताकत झोंक दी है। तीन से चार जैक लगाकर फ्लाईओवर के इस हिस्से को गिरने से रोकने की कोशिश की जा रही है। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि आखिर निर्माण पूरा होने से पहले ही ये फ्लाईओवर क्यों टूटने लगे हैं।
लोगों को डर है कि यदि निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा है, तो इसके शुरू होने के बाद इस पर से वाहन गुजरने पर कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
गौरतलब है कि इससे पहले 22 अगस्त की रात को पैकेज एक में सुभाष चौक से बादशाहपुर तक बन रहे करीब साढ़े पांच किलोमीटर लंबे एलिवेटेड रोड के फ्लाईओवर का एक हिस्सा रहेजा मॉल के पास अचानक टूट कर नीचे गिर गया था। गनीमत रही कि कोई बड़ा हादसा होने से बच गया था। इस घटना के बाद एनएचएआई ने दो इंजीनियरों को निलंबित कर दिया था, इसके अलावा निर्माण कार्य पर भी रोक लगा थी। जो अभी भी बंद है। अब दूसरे पैकेज में भी इस तरह की घटना होने का लोगों को डर सताने लगा है। इस परियोजना का शिलान्यास मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने 14 अगस्त 2017 को किया था। इस पर करीब 1300 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। पहले पैकेज में सुभाष चौक से भोंडसी व दूसरे पैकेज में भोंडसी से सोहना तक इस पर काम चल रहा है। परियोजना के तहत एलिवेटेड फ्लाईओवर और अंडरपास बनाने के साथ ही सड़क को भी चौड़ा कर छह लेन का किया जाना है।
”मामला संज्ञान में है। जुलाई में ही ये दिक्कत आई थी। इसकी जांच चल रही है। रिपोर्ट आने के बाद इसे ठीक करवाया जाएगा।” -शशि भूषण, परियोजना निदेशक, एनएचएआई