अग्निपथ योजना के विरोध में शाहपुर में आयोजित रालोद की रैली में रालोद प्रमुख एवं राज्यसभा सांसद जयंत चौधरी ने कहा कि अग्निपथ योजना लागू होने से देश के युवाओं का भविष्य खतरे में पड़ गया है। उन्होंने हजारों लोगों व युवाओं की भीड़ को भरोसा दिलाया कि जब तक अग्निपथ योजना समाप्त नहीं होगी तब तक सड़क से लेकर संसद तक इसका विरोध करेंगे।
रविवार को शाहपुर के पैठ मैदान में आयोजित रालोद की पंचायत में पहुंचे रालोद प्रमुख व राज्यसभा सांसद जयंत चौधरी ने कहा कि एक वर्ष पूर्व चौधरी अजित सिंह के निधन हो जाने के बाद उन्हें छपरौली में पगड़ी बांधकर जिम्मेदारी दी गई थी। इसलिए अब उनका फर्ज बनता है कि आपके सुख-दुख में आपके बीच खड़ा मिलूं। कहा कि किसान का बेटा ही फौज में जाता है। इस सरकार में किसान और जवान सभी के मान सम्मान से खिलवाड़ किया जा रहा है। तंज कसा कि अग्निपथ योजना में छह माह की ट्रेनिग से अग्निवीर नहीं बल्कि अभिमन्यु तैयार होंगे।
जयंत चौधरी ने कहा कि भाजपा के लोग इस योजना को अच्छा बता रहे कि इससे रिटायरमेंट के बाद नौकरी मिल जाएगी। यह सिर्फ बहकावा है ये लोग देश के युवाओं को उद्योगपतियों के यहां सुरक्षा गार्ड बनाने की तैयारी कर रहे हैं। कहा कि इस बार युवाओ के भविष्य का सवाल है तो बुजुर्ग भी सहयोग के लिए तैयार हैं।
जयंत चौधरी ने कहा कि जिस उम्र में नौजवान करियर बनाने के लिए जुटते हैं उस उम्र में सरकार उनके नाम के आगे भूतपूर्व फौजी लगवा देगी। यह नौजवानों के भविष्य का सवाल है और हमारी पार्टी नौजवानों की है। केंद्र सरकार कहती है कि पेंशन के पैसे नही है कटौती करनी पड़ेगी। कटौती करनी है तो बड़े लोगो को दी जा रहीं वाई व जेड श्रेणी हटाई जाए। हम सबका फर्ज है देश की रक्षा करना, फौजियों का सम्मान हो। फौजियों के सम्मान से खिलवाड़ की जा रही है। वर्ष 2011 में रक्षा बजट 16.7 प्रतिशत था जो 2022 में घटकर 13 प्रतिशत रह गया है।
योजना से अग्निवीर नहीं, अभिमन्यु तैयार होंगे
रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने सेना में भर्ती की नई नीति अग्निपथ योजना में केवल छह माह ट्रेनिंग के बाद जवान को मोर्चा पर भेजने के प्रावधानों की आलोचना की। उन्होंने कहा कि वर्तमान भर्ती नीति में करीब तीन साल की ट्रेनिंग में पूर्ण फौजी तैयार होता है। अग्निपथ योजना में छह माह की ट्रेनिग से अग्निवीर नहीं बल्कि अभिमन्यु तैयार होंगे जो दुश्मन के चक्रव्यूह में फंस सकते हैं। कहा अभी तो यह विरोध शांति से किया जा रहा है यदि जरूरत पड़ी तो धरना प्रदर्शन भी किया जाएगा।