गर्मी से बेहाल दिल्लीवासियों को गुरुवार सुबह हुई बारिश ने काफी राहत दी।लेकिन साथ ही बारिश ने उनकी परेशानी भी बढ़ा दी। दरअसल, मानसून की भारी बारिश के कारण दिल्ली के कई हिस्सों जैसे आईटीओ, बारापुला, रिंग रोड और राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं, विशेष रूप से दिल्ली-नोएडा सीमा, चिल्ला बॉर्डर, यूपी गेट, दिल्ली-गुरुग्राम सड़क पर भारी जाम लग गया।
लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि इतनी बारिश के बावजूद दिल्ली के मिंटो रोड पर इस बार जलभराव नहीं हुआ। पिछले साल बारिश के कारण इसी सड़क पर एक डीटीसी बस के साथ साथ कुछ अन्य वाहन डूब गए थे।
गौरतलब है कि 2020 में यहां पर इतना पानी भर गया था कि उसमें 56 वर्षीय व्यक्ति की डूबकर मौत हो गई थी। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि दिल्ली सरकार जलभराव की समस्या से निपटने के लिए तैयार है।
जून के पहले सप्ताह में सिसोदिया ने लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की। बैठक में मनीष सिसोदिया ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मानसून से पहले सभी चिन्हित स्थानों पर जल जमाव को रोकने से संबंधित किए जा रहे काम पूरे हो जाने चाहिए, ताकि मानसून के दौरान आम जनता को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।
पीडब्ल्यूडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि सुरंग में बाढ़ के बारे में चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि भूमिगत पंपों के साथ स्वचालित पंपों का निर्माण किया गया है। इससे भारी बारिश के मामले में तूफान के पानी का तेजी से निर्वहन हो सकेगा। अस्थायी पंपों को भी स्टैंडबाय पर रखा जाएगा ताकि जब भी उन्हें जल्दी से तैनात किया जा सके आवश्यक है।
पीडब्ल्यूडी के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, विभाग ने जलभराव के मामले में सात स्थानों को ‘गंभीर’ चिह्नित किया है। जिसमे मिंटो ब्रिज के अलावा डब्ल्यूएचओ बिल्डिंग के पास आईपी एस्टेट रिंग रोड, पुल प्रह्लादपुर, जखीरा, ओखला, आजादपुर और जहांगीरपुरी मेट्रो स्टेशन रोड पर अंडरपास है।