मानसून आ चुका है। बारिश के मौसम में हमारा इम्यून सिस्टम और पाचन तंत्र, दोनों प्रभावित होने लगता है। इसलिए हमें अपने आहार में इम्यूनिटी बूस्ट और पाचन तंत्र को मजबूत करने वाले खाद्य पदार्थ शामिल करने चाहिए। कड़वे खाद्य पदार्थ इसमें खास तौर से आपकी मदद कर सकते हैं। आयुर्वेद के अनुसार कड़वे स्वाद मानसून में होने वाली समस्याओं से बचाने में आपकी मदद कर सकते हैं।
समझिए स्वाद और सेहत का नाता
आहार में जितना मीठे और नमकीन का महत्व है, उतना ही महत्व कड़वे का भी है। मौसम बदल रहा है। तेज धूप वाली गर्मी के स्थान पर अब झमाझम बारिश वाला मौसम होगा। कभी वातावरण में नमी बहुत अधिक होगी, तो कभी बारिश के पहले तेज हवा चलने के कारण ड्रायनेस भी हो सकती है।
दरअसल खान-पान की कड़वी चीजें बारिश के मौसम में शरीर के टॉक्सिंस को बाहर निकालने में सक्षम होती हैं। ये न सिर्फ भोजन को पचाने में मदद करती हैं, बल्कि इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करती हैं। ये शरीर को संक्रमण से भी बचाती हैं। कड़वी चीजों को भोजन में क्यों शामिल किया जाए, इसके बारे में हमने विस्तार से बात की जिंदल नेचरकेयर इंस्टीट्यूट की डायटीशियन सुषमा पीएस से।
इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाती है कड़वी चीजें
सुषमा पीएस कहती हैं, “मानसून में कड़वे आहार जैसे करेला, नीम, लौकी, हल्दी, मेथी और अन्य मसाले और सब्जियां शामिल करने से इम्युनिटी को मजबूत करने में मदद मिलती है। लौकी, करेला जैसी सब्जियां एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन ए, सी, बी और जिंक, आयरन आदि खनिजों से भरपूर होती हैं। नीम और हल्दी जैसे तत्व अपने उपचार और एंटीफंगल, एंटीवायरल और एंटी इन्फ्लेमेटरी गुणों के लिए जाने जाते हैं। यह प्राकृतिक रूप से कई बीमारियों और संक्रमणों को रोकने और ठीक करने में मदद करते हैं। इसलिए हमें इन कड़वी चीजों को अपने आहार में शामिल करना चाहिए।’
यहां हैं कुछ कड़वे फूड्स जिन्हें आप अपनी मानसून डाइट में शामिल कर सकती हैं
1 करेला (Bitter Gourd)
करेले के कड़वे स्वाद के कारण कुछ लोग इसे देखकर मुंह बनाने लगते हैं। जबकि इसके अनगिनत फायदे हैं। विटामिन सी, आयरन, पोटैशियम, मैग्नीशियम, जिंक, फास्फोरस से भरपूर करेला इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट शरीर से टॉक्सिंस को बाहर निकालते हैं और बीमारी से शरीर को बचाने में मदद करता है। फ्री रेडिकल के डैमेज को रोकते हैं। विटामिन सी की भरपूर मात्रा एजिंग प्रोसेस को धीमा करती है। लिवर को साफ करती है और ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करती है।
2 राई या सरसों (Mustard)
बरसात के मौसम में सरसों के बीज या राई और सरसों के तेल का प्रयोग अवश्य करें। सरसों के बीज या राई पाचन क्रिया में मदद करते हैं। ये मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देते हैं। सरसों में डायसेलिग्लिसरॉल पाया जाता है, जो वेट लॉस में मदद करता है। इसमें कॉपर, कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन और सेलेनियम की भरपूर मात्रा पाई जाती है।
ये सभी पोषक तत्व मेनोपॉज के बाद होने वाली कुछ समस्याओं जैसे – उच्च रक्तचाप और ओस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याओं से बचा सकते हैं। बारिश के मौसम में संक्रमण अधिक होता है। इसलिए सरसों के बीज की चटनी जरूर खाएं। सरसों या राई के बीज संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं।
एक शोध में पाया गया कि सरसों का उपयोग आरटीआई (रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन) यानी श्वसन तंत्र की समस्या को कम करने में फायदेमंद हो सकता है।
3 नीम (Neem)
जब बारिश का मौसम नजदीक हो, तो नीम की पत्तियों का जरूर प्रयोग करें। इन दिनों सोसायटीज में भी नीम के पेड़ लगाए जाने लगे हैं। इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लेमेट्री और एंटी-फंगल गुण पाए जाते हैं। यदि आप चाहती हैं कि आपका इम्यून सिस्टम मजबूत हो, तो खाली पेट अच्छे से धोकर नीम की 10-12 पत्तियों को रोज चबाएं। इससे बारिश के दिन में कमजोर हुआ इम्यून सिस्टम मजबूत हो जाएगा। एनीमिया को भी सही करती हैं नीम की पत्तियां। यदि आप रोज नीम की पत्तियां चबाती हैं, तो स्किन संबंधी कई समस्याओं से राहत मिलती है और आपकी स्किन चमकदार भी हो जाएगी।
4 हल्दी (Turmeric)
भारतीय रसोई में हल्दी का प्रयोग दाल-सब्जी में रोजाना होता है। लेकिन बारिश में इसके प्रयोग को नियमित कर लें। इसमें करक्यूमिन नामक कंपाउंड पाया जाता है। यह एंटी इन्फ्लामेट्री, एंटीसेप्टिक, एंटी बैक्टीरियल है। यदि आपके पास कच्ची हल्दी नहीं है, तो हल्दी पाउडर को दूध में उबालकर पिएं। इससे इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। सर्दी-जुकाम, खांसी, इंफेक्शन के साथ-साथ अन्य मानसून की बीमारियों से हल्दी राहत देती है।
5 मेथी (Fenugreek)
यह सुनिश्चित करने के लिए कि बारिश के मौसम में आपका पाचन तंत्र ठीक से काम करे, आप जीरा और मेथी को अपने आहार में शामिल कर सकती हैं। ये जादुई जड़ी-बूटी हैं, जो पाचन क्रिया को बेहतर बनाती है।
methi pani nuksan bhi pahuncha sakta hai
मानसून में कड़वी मेथी को अपने आहार में शामिल करना चाहिए।
6 कॉफी (Coffee)
यदि बारिश हो रही है, तो एक कप गर्म कॉफी पीने से मन और मिजाज बेहतर हो जाते हैं। कॉफी लिवर और कोलन के लिए एक पावरफुल डिटॉक्सिफायर है। कॉफी सीड्स में थियोब्रोमाइन, थियोफिलाइन और कैफीन होता है, जो पित्त के प्रवाह को बढ़ाता है। ब्लड फ्लो भी सुचारू रूप से होने लगता है। यह टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम को भी करम करने में मदद करता है।